छतरपुर: मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के नौगांव थाना पुलिस पर चार युवकों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ितों का कहना है कि पुलिस ने चोरी के शक में उन्हें बिना किसी ठोस सबूत के हिरासत में लिया, चार दिन तक कपड़े उतरवाकर बेरहमी से पीटा, और उनके प्राइवेट पार्ट में मिर्च पाउडर डाला। हालांकि, नौगांव एसडीओपी अमित मेश्राम ने बताया कि पीड़ितों की मेडिकल रिपोर्ट में मिर्च पाउडर या फ्रैक्चर की पुष्टि नहीं हुई है। मामले की जांच के लिए पीड़ितों के बयान और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की बात कही गई है।
घटना की गंभीरता को देखते हुए नौगांव थाने के तीन पुलिसकर्मी – ASI शिवदयाल वाल्मीकि**, राम जाट और अरविंद शर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
चोरी कबूलवाने के लिए किया अत्याचार
पीड़ितों के अनुसार, वे सभी कंजड़पुर धरमपुरा के रहने वाले हैं और झाड़ू बनाकर बेचते हैं। 15 जुलाई की शाम एक समारोह से लौटते समय सड़क किनारे टॉयलेट कर रहे थे, तभी डायल-100 की पुलिस गाड़ी आई और बिना कारण पांच युवकों को हिरासत में ले लिया गया। इनमें से एक युवक दिव्यांग होने के कारण छोड़ दिया गया, बाकी चार को थाने ले जाकर अमानवीय रूप से प्रताड़ित किया गया।
पीड़ितों का कहना है कि पुलिस ने चोरी कबूल करवाने के लिए उन्हें उल्टा लटकाकर बेल्ट, लात-घूंसों से मारा और उनके निजी अंगों में मिर्च पाउडर डाला गया। सबसे चिंताजनक बात यह है कि पांचवें युवक का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है। परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है।
भीम आर्मी का प्रदर्शन, कांग्रेस नेताओं ने लिया संज्ञान
घटना के विरोध में भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं और पीड़ित परिजनों ने शनिवार शाम को एसपी कार्यालय तक मार्च निकालकर धरना दिया। प्रदर्शनकारियों ने एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। धरना देर रात तक जारी रहा। रात 1:30 बजे के बाद प्रशासन की समझाइश के बाद पीड़ित धरना स्थल से हटे। प्रदर्शन के दौरान करीब 70 लोग, 10 घंटे भूखे-प्यासे बैठे रहे।
एसपी कार्यालय की बिजली काटी गई, गेट पर ताला
धरना के दौरान एसपी कार्यालय परिसर की बिजली काट दी गई और गेट पर ताला लगा दिया गया, जिससे महिलाएं और बच्चे अंधेरे में बैठने को मजबूर हुए। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए नौगांव, सिविल लाइन, सिटी कोतवाली और अन्य थानों से भारी पुलिस बल बुलाया गया। डीआईजी ललित शाक्यवार धरना स्थल पर पहुंचे और पीड़ितों से मुलाकात कर मेडिकल जांच व निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया।
पीड़ित के ससुर को धमकाने का आरोप
एक पीड़ित के ससुर ने आरोप लगाया कि उन्हें रास्ते में रोककर टीआई सतीश सिंह और एक अन्य पुलिसकर्मी ने धरना वापस लेने के लिए दबाव बनाया। विरोध करने पर थाने ले जाने और उनके घर को अवैध बताकर हटाने की धमकी भी दी गई।




