आजाद भारत में पहली बार किसी महिला को होगी फांसी, प्रेमी के लिए की थी 7 लोगों की हत्या

0
107

नई दिल्ली: भारत को आजादी मिलने के बाद पहली बार किसी महिला को फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा। 7 हत्याओं के मामलों में शबनम को फांसी दी जाएगी। निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट और फिर राष्ट्रपति भवन तक ने उसकी फांसी की सजा बरक़रार रखी है। प्रेमी के प्यार में पागल इस महिला ने अपने माता-पिता भाई-बहन सहित 7 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी थी।

मामला 2008 का है। उत्तर प्रदेश के अमरोहा में बावनखेड़ी गांव में शिक्षक शौकत अली पत्नी हाशमी, बेटा अनीस, राशिद, बहू अंजुम और इकलौती बेटी शबनम के साथ रहते थे। पिता ने इकलौती बेटी को बड़े लाड़-प्यार से पाला था और उसे बेहतर शिक्षा दी जिसकी बदौलत शबनम की शिक्षामित्र में नौकरी भी लग गई थी।

इसी दौरान शबनम को गांव के आठवीं पास युवक सलीम से प्यार हो गया और दोनों शादी करना चाहते थे, लेकिन अलग-अलग जाति के मुस्लिम होने की वजह से दोनों की शादी के लिए शबनम के घर वाले तैयार नहीं थे। शबनम जहां सैफी थीं वहीं सलीम पठान बिरादरी का था।

परिवार की मर्जी के खिलाफ जाकर शबनम आए दिन अपने प्रेमी को मिलने के लिए घर बुलाने लगी, जिसका परिवार के लोग विरोध करते थे। प्रेमी से मिलने में कोई बाधक ना बने इसके लिए शबनम अपने घर के लोगों को चुपके से नींद की गोलियां देने लगी। 14 अप्रैल 2008 की रात को भी शबनम ने अपने प्रेमी से मिलने के लिए परिवार के लोगों को नींद की गोलियां दे दीं।

उसी दौरान शादी में बाधक बन रहे परिजनों को लेकर शबनम ने अपने प्रेमी सलीम से शिकायत की और उन्हें रास्ते से हटाने की साजिश रच दी। रात को नशे की हालत में सो रहे पिता शौकत, मां हाशमी, भाई अनीस, राशि, भाभी अंजुम और फुफेरी बहन राबिया समेत 7 लोगों को एक-एक कर दोनों ने कुल्हाड़ी से काट दिया।

घटना को अंजाम देकर सलीम वहां से फरार हो गया लेकिन शबनम घर में रही और सुबह होते ही रोने का नाटक करते हुए गांव वालों को बताने लगी कि बदमाशों ने आकर उसके पूरे परिवार की हत्या कर दी। जब लोग उनके घर पहुंचे तो दो मंजिले मकान के तीन कमरों में बस खून ही खून पसरा था और बिस्तर पर शव पड़े हुए थे।

हालांकि शबनम के शुरुआत में दिए बयान के बाद ही पुलिस को उस पर शक हो गया था। मोबाइल कॉल रिकॉर्ड ने शबनम की पोल खोल दी और जब सख्ती से पूछताछ की गई तो वो टूट गई और उसने पूरी खौफनाक साजिश का खुलासा कर दिया। बता दें कि ट्रायल के दौरान जेल में ही शबनम ने सलीम के बच्चे को भी जन्म दिया था।

इस मामले में निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ने उसकी फांसी की सजा को बरकरार रखा। राष्ट्रपति से दया की गुहार लगाई लेकिन वहां से भी खारिज होने के बाद अब उसे फांसी की सजा दी जाएगी। शबनम को फांसी देने के लिए मथुरा की जेल में इसकी तैयारियां भी शुरू हो गई है।निर्भया के दोषियों को फंदे से लटकाने वाले पवन जल्लाद दो बार फांसी घर का निरीक्षण भी कर चुके हैं।

शबनम को फांसी देने को लेकर मथुरा जेल के अधीक्षक शैलेंद्र कुमार मैत्रेय ने बताया कि अभी फांसी की तारीख तय नहीं की गई है और ना ही कोई आदेश आया है लेकिन जेल प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। डेथ वारंट जारी होते ही शबनम को फांसी दे दी जाएगी।

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here