मुंगेर: बिहार के मुंगेर जिले के जमालपुर बीएसएपी-9 बटालियन में तैनात जवान संतोष कुमार सिंह के साथ रविवार रात हुई सनसनीखेज घटना ने पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया है। संतोष के अनुसार, ड्यूटी से लौटते समय कुछ लोगों ने उन्हें हथियार के बल पर अगवा किया और जंजीर व रस्सी से बांधकर रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया।
घटना दौलतपुर दुर्गा मंदिर के पास की है, जब संतोष कुमार सब्जी-फल लेकर अपने क्वार्टर लौट रहे थे। रेलवे ट्रैक पार करने के बाद उन्होंने महसूस किया कि छह लोग उनका पीछा कर रहे हैं। तभी रेलवे पुल के पास दो लोगों ने उनकी गर्दन का कॉलर पकड़ लिया और पिस्टल तान दी। इसके बाद उनके हाथों में लोहे की जंजीर, पैरों में रस्सी और मुंह व आंखों पर पट्टी बांधकर उन्हें ट्रैक पर फेंक दिया गया।
राहगीर की सूचना से मिली जान
गंभीर हालत में चिल्लाते हुए जवान को एक राहगीर ने देखा और तुरंत डायल 112 पर सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और संतोष को थाने ले गई। बाद में उन्हें बीएसएपी परिसर में पदाधिकारियों की मौजूदगी में ले जाकर हाथों की जंजीर हटाई गई और पूरी घटना की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई।
12 साथी पुलिसकर्मियों पर लगाया साजिश का आरोप
संतोष कुमार सिंह ने इस मामले में अपने ही 12 साथियों और 6 अज्ञात लोगों पर साजिश के तहत हमला करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि जिन जवानों पर उन्होंने एफआईआर कराई है, वे उन्हें अवैध विभागीय कार्य करने के लिए दबाव बना रहे थे। जब उन्होंने इनकार किया, तो विवाद बढ़ गया और अब यह हमला हुआ।
जमालपुर थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि 18 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सदर एसडीपीओ अभिषेक आनंद की अगुवाई में एक विशेष जांच टीम बनाई गई है।मामले की गहराई से जांच की जा रही है और जल्द ही सच्चाई सामने लाई जाएगी।
पिछले विवाद से जुड़ रही है कड़ी
पुलिस सूत्रों का कहना है कि संतोष कुमार मुंशी पद पर कार्यरत हैं और लंबे समय से कुछ पुलिसकर्मियों से विवाद चल रहा था। जवान का आरोप है कि उन्हीं कर्मियों ने बदले की भावना से इस वारदात को अंजाम दिया। अब पुलिस विभाग पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं, कि क्या आंतरिक प्रतिशोध के चलते एक वर्दीधारी जवान की जान जोखिम में डाली गई? जवाब अब जांच रिपोर्ट पर टिका है।


