नई दिल्ली: मेहुल चोकसी प्रत्यर्पण को लेकर भारत सरकार हर संभव कोशिश कर रही है। भगोड़े मेहुल चोकसी को भारत वापस लाने के लिए आठ सदस्यों की एक टीम इस वक्त डोमिनिका में है। इस टीम का नेतृत्व सीबीआई ऑफिसर शारदा राउत कर रहीं हैं। शारदा राउत पीएनबी घोटाले की जांच की अगुवाई कर रही हैं और मेहुल चोकसी को वापस लाने के मिशन में भी अहम भूमिका में हैं।
मेहुल चोकसी के मामले में डोमिनिका हाई कोर्ट में आज फिर सुनवाई होगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक़ यदि डोमिनिका की अदालत मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण का आदेश देती है, तो उसे भारतीय अधिकारियों द्वारा प्राइवेट जेट से नई दिल्ली लाया जाएगा। चोकसी 2018 से ही एंटीगा में रह रहा था और उसे फिलहाल डोमनिका में अरेस्ट किया गया है।
महिला आईपीएस अधिकारी शारदा राउत का जन्म महाराष्ट्र के नासिक जिले में हुआ। वह 2005 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। उनके काम करने का एक अलग ही स्टाइल है। पालघर में एसपी रहते हुए उन्होंने क्राइम पर काफी हद तक कंट्रोल कर लिया था। नागपुर, मीरा रोड, नंदुबार, कोल्हापुर, मुंबई कई जगहों पर इनकी पोस्टिंग रही। अपने काम के प्रति उनकी जो ईमानदारी है उसकी तारीफ उनके महकमे में भी होती है।
बताया जा रहा है कि टीम ने मेहुल चोकसी की आपराधिक गतिविधियों की जानकारी के साथ ईडी का हलफनामा डोमिनिका की कोर्ट के सामने पेश किया है। इन दस्तावेजों के जरिए यह बताया गया है कि चोकसी भारत का नागरिक है। भारतीय टीम कोर्ट को यह समझाने की कोशिश कर रही है कि डोमिनिका की हिरासत में जो व्यक्ति है, वो भारत में जनवरी 2018 से ही वांछित है और इंटरपोल की ओर से जारी रेड नोटिस के आधार पर उसे तत्काल भारत प्रत्यर्पित कर देना चाहिए।
इतना ही नहीं, आज होने वाली सुनवाई में भारतीय टीम यह दलील पेश करेगी कि मेहुल चोकसी ने नवंबर 2017 में एंटीगुआ की नागरिकता ली थी, लेकिन उसने आज तक भारत की नागरिकता नहीं छोड़ी है। इसलिए वह अभी भी भारतीय नागरिक है।




