थाने के सामने चल रहा था फर्जी वोटर आईडी बनाने का रैकेट, एक कार्ड के लेता था एक हजार रुपये

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इंदौर: इंदौर पुलिस ने फर्जी वोटर आईडी बनाने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है। एमपी ऑनलाइन के नाम पर सृष्टि फोटो कॉपी नाम की दुकान में फर्जी वोटर आईडी बनाए जा रहे थे। पुलिस ने यहां दबिश देकर हजारों की संख्या में फर्जी कार्ड बरामद किए हैं। इस दौरान पुलिस ने ऋषि पैलेस के रहने वाले दुकान के मालिक नरेंद्र सरसाठ को गिरफ्तार किया।

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पुलिस पूछताछ में पुलिस ने अपने एक साथी ब्रह्मनाद उर्फ प्रदीप निवासी रंगवासा का नाम बताया जो कार्रवाई के बाद से छिप गया था, लेकिन अफसरों ने आज सुबह उसे भी गिरफ्तार कर लिया है। ख़ास बात तो ये है कि ये पूरा रैकेट द्वारकापुरी थाने के सामने चल रहा था।

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प्रदीप एक वोटर आईडी बनाने के एक हजार रुपये लेता था और 24 घंटे में वोटर आईडी बनाकर दे देता था। दस्तावेजों की कमी के कारण लोग प्रदीप के झांसे में आ जाते थे और कार्ड बनाने के लिए एक हजार रुपये भी दे देते थे।

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इस रैकेट का खुलासा उस समय हुआ जब महिला का वोटर आईडी मानक साइज़ से बड़ा मिला। महिला का वीटर आईडी बड़ा पाए जाने पर विभाग ने इसको लेकर जानकारी मांगी। तब महिला ने बताया कि उसने ये कार्ड सृष्टि फोटो कॉपी से बनवाया है। इसके बाद अधिकारियों ने एक टीम बनाकर कार्रवाई को अंजाम दिया।

छापे के दौरान पुलिस को कलेक्ट्रेट के ही एक अधिकारी के फर्जी साइन भी मिले थे। दुकान में रखे दस्तावेजों को देखकर अफसर खुद चौंक गए। कार्ड पर अफसरों के फर्जी साइन, सील और दस्तावेज मिले हैं, जिसकी जांच जारी है।

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पकड़े जाने के बाद प्रदीप पुलिस को गुमराह कर रहा है। उसका कहना है कि उसे एमपी ऑनलाइन से वोटर आईडी बनाने की फर्जी लिंक मिल गई थी। अब पुलिस इस गलत लिंक वाले एंगल की जांच में जुट गई है। वहीं प्रदीप के साथ नरेंद्र का कहना है कि प्रदीप ने पहले दुकान के पास में ही कोचिंग शुरू की थी, जिसे कुछ समय बाद बंद कर दी थी।

कोचिंग बंद होने के बाद आयुष्मान योजना के साथ-साथ गरीबो को अन्य स्कीमों में लोन दिलाने की बात करते हुए प्रदीप मेरी दुकान पर आकर बैठने लगा। यहां वह गरीबों की मदद करने की आड़ में फर्जीवाड़ा करने लगा। मामले में अभी पूछताछ जारी है।

 

 

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