कोरोना की आड़ में कालाबाजारी, इंदौर में बेच चुके एक हजार नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन

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इंदौर: कोरोना की दूसरी लहर की आड़ में शहर में जमकर कालाबाजारी हो रही है। हाल ही में पुलिस के हत्थे चढा है, जिसनें इंदौर में 600 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचे है। आरोपी सुनील मिश्रा के बारे में खुलासा हुआ है कि, वह सूरत से दो बार 1300 इंजेक्शन लाया था। इनमें से उसने 600 इंजेक्शन इंदौर में खपाए थे। 11 आरोपियों की मदद से सोशल मीडिया के माध्यम से इन इंजेक्शनों को खपाया गया था।

इसके अलावा 500 इंजेक्शन उसने जबलपुर जाकर बेचे। इनका उपयोग वहां के सिटी अस्पताल में हुआ। दो दलालों चीकू शर्मा व किसी लोधी के जरिए 100 इंजेक्शन दवा बाजार के एक दवा व्यवसायी को दिए। एक अधिकारी के मुताबिक़, नकली इंजेक्शन के कारण इंदौर में कई लोगों की जान गई है और ये आंकड़ा बढ़ सकता है।

इसी कड़ी में विजय नगर थाना पुलिस ने एक साथ 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। विजय नगर थाना पुलिस अब तक कुल 17 आरोपियों को कालाबाजारी करने के आरोप में पकड़ चुकी है। पकड़े गए आरोपियों से पुलिस बारीकी से पूछताछ कर रही है। प्रारंभिक पूछताछ में यह बात भी सामने आई है कि उन्होंने तकरीबन एक हजार से ज्यादा नकली इंजेक्शन बाजार में बेच चुके हैं।

आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि, सुनील मिश्रा ने उनके माध्यम से एक हजार नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन केवल इंदौर में ही खपा दिए है। इसी तरह से सुनील मिश्रा ने जबलपुर और प्रदेश के अलग-अलग जगहों पर भी अपने गिरोह से जुड़े हुए लोग तैयार कर लिए थे। इन्हीं की मदद से उसने अलग-अलग शहरों में कई रेमडेसिविर इंजेक्शन खपा दिया हैं।

सुनील मिश्रा रीवा का रहने वाला है लेकिन गुजरात के मोरबी में एक नकली फैक्ट्री बनाकर वहां पर रेमडेसिविर इंजेक्शन तैयार कर रहा था और अलग-अलग लोगों से संपर्क कर नकली इंजेक्शन खपाता था। पूछताछ में ये बात भी सामने आई है कि, ये नकली इंजेक्शन जरूरतमंद लोगों को मनमाने दामों में बेचे जाते थे।

पुलिस पूछताछ में यह बात सामने आई कि प्रत्येक इंजेक्शन को यह लोग 25-30 हजार से ज्यादा रुपयों में बेच चुके हैं। इसी के साथ पुलिस लगातार गुजरात पुलिस के संपर्क में है और मुख्य आरोपी सुनील मिश्रा को इंदौर लाने की कोशिश करने में जुटी है। पुलिस का अनुमान है कि जल्द ही उसे प्रोडक्शन वारंट पर इंदौर लाया जाएगा।

पुलिस के आला अधिकारियों का यह भी कहना है कि अभी तक रेमडेसिविर इंजेक्शन की ही कालाबाजारी हो रही थी, लेकिन अब इसके अलावा फेबि फ्लू, टोपा के साथ ही अन्य दवाइयों की भी कालाबाजारी शुरू हो चुकी है और इसके लिए भी पुलिस ने एक अलग तरह की योजना बनाई है। पुलिस का अनुमान है कि यदि आगे कोई भी कालाबाजारी की जाएगी और उन पर पुलिस की निगाह बनी हुई है और जल्द ही उन लोगों को भी गिरफ्तार किया जाएगा.।

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