इंदौर: एसटीएफ इंदौर ने बच्चा चोरी करने वाले गिरोह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें तीन महीलाएं भी शामिल है। ये गिरोह निजी अस्पतालों और मैटरनिटी क्लीनिक से बच्चे चोरी कर नि: संतान दम्पत्तियों को मुंहमांगे दामों में बेचता था। इनमें पास से दो बच्चे भी मिले हैं।
बरामद किया गया एक बच्चा 9 साल 3 महीने का है, जो देवास के नगर निगम कर्मचारी शिरीष इंदूरकर के यहां से मिला है और दूसरा बच्चा रतलाम के एमपीईबी के रिटायर्ड इंजीनियर के यहां से मिला है। 13 साल पहले इंजीनियर ने बच्चे को इंदौर के यश अस्पताल से खरीदा था।
पुलिस फिलहाल आरोपियों से पूछताछ कर रही है। इस मामले की शिकायत भोपाल के एनजीओ जनसमस्या समाधान समिति ने एडीजी इंटेलिजेंस आदर्श कटियार को भेजी थी। इसके बाद जांच के लिए एसटीएफ इंदौर को मामला सौंपा गया। एसटीएफ ने देवास के नगर निगम कर्मचारी शिरीष इंदूरकर, उसकी पत्नी सुधा इंदूरकर, पड़ोसी पुष्पा श्रीवास और दाई लीलाबाई को पकड़ा है।
पूछताछ करने पर शिरीष और सुधा ने बताया कि उन्होंने इंदौर की यश क्लिनिक से बच्चे को गोद लिया है, लेकिन उनके पास गोद लिए जाने सम्बन्धी कोई भी दस्तावेज नहीं पाया गया। बरामद किए गए दोनों बच्चों को चाइल्ड लाइन इंदौर की अस्थाई निगरानी में भेज दिया गया है।