इंदौर। थाना एमआईजी से जुड़े मार्च 2022 के विवादित मामले में विभागीय जांच पूरी होने के बाद पुलिस प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। जांच में दोषी पाए जाने पर तत्कालीन थाना प्रभारी टीआई अजय वर्मा को दो वर्ष के लिए निरीक्षक पद से पदावनत कर उपनिरीक्षक (एसआई) बनाया गया है। वहीं मामले में संलिप्त पाए गए कार्यवाहक सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) धीरज शर्मा को पांच वर्ष के लिए आरक्षक (सिपाही)** पद पर पदावनत किया गया है।
मामला मार्च 2022 का है, जब एक महिला ने एमआईजी थाना क्षेत्र में रहने वाले रवि नामक व्यक्ति पर शारीरिक शोषण का आरोप लगाते हुए आवेदन दिया था। जांच के दौरान आरोप सामने आए कि मामले को निपटाने के लिए आरक्षक गोविंद द्विवेदी ने पीड़िता से 20 लाख रुपए में सेटलमेंट का प्रस्ताव रखा था।
इस पूरे प्रकरण में तत्कालीन थाना प्रभारी अजय वर्मा और जांचकर्ता धीरज शर्मा की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई थी। विभागीय जांच के बाद दोनों अधिकारियों को दोषी मानते हुए पुलिस मुख्यालय ने यह कार्रवाई की है। सूत्रों के अनुसार, इस मामले में पुलिस ने भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता के आरोपों को गंभीर मानते हुए सख्त विभागीय दंड का प्रावधान लागू किया है।


