इंदौर. इंदौर में बीएड छात्र प्रदीप रावत की आत्महत्या ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मंगलवार रात गुरुनानक कॉलोनी में फांसी लगाकर जान देने वाले प्रदीप ने अपने सुसाइड नोट और मोबाइल में मौजूद रिकॉर्डिंग्स के जरिए लेडी कॉन्स्टेबल और दो अन्य पुलिसकर्मियों, अनुराग और राम दांगी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रदीप ने 5 पेज के सुसाइड नोट में खुलासा किया कि लेडी कॉन्स्टेबल खुशबू से उसका प्रेम संबंध था, लेकिन यह रिश्ता धोखे और अविश्वास से भर गया था। प्रदीप के मोबाइल से मिली रिकॉर्डिंग्स में उसने खुशबू के चाचा और पुलिसकर्मी अनुराग से बात करते हुए अपनी पीड़ा व्यक्त की।
प्रदीप ने खुशबू पर आरोप लगाया कि उसने न केवल उसके साथ धोखा किया, बल्कि उसकी भावनाओं और विश्वास का भी मजाक बनाया। एक कॉल रिकॉर्डिंग में उसने कहा, मैं इसे समझा रहा हूं कि परिवार की इज्जत का ख्याल रखे, लेकिन इसकी हरकतें रुकने का नाम नहीं ले रही। मोबाइल रिकॉर्डिंग में प्रदीप ने खुलासा किया कि उसने खुशबू को एक वाहन दिलाने में मदद की थी और उसकी नौकरी को लेकर भी सवाल उठाए। प्रदीप ने कहा, नौकरी के पीछे कितने काले कारनामे हो रहे हैं, इसका आपको अंदाजा नहीं।
उसने खुशबू के चाचा से बातचीत में यह भी कहा कि खुशबू के कमरे में किसी अन्य लडक़े का आना-जाना था। प्रदीप ने अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए कहा कि अगर खुशबू को उसके साथ नहीं रहना है, तो वह इसे खत्म कर दे, लेकिन उसे धोखा न दे। प्रदीप की एक अन्य रिकॉर्डिंग में उसने पुलिसकर्मी अनुराग से सीधे कहा कि वह खुशबू से दूर रहे। उसने कहा, यदि तुम शादी करना चाहते हो, तो मैं अलग हो जाऊंगा। लेकिन मेरी पीठ पीछे यह सब बर्दाश्त नहीं है। अनुराग ने अपनी सफाई में कहा कि वह खुशबू से कोई रिश्ता नहीं रखता और उसका नंबर ब्लॉक करने की बात कही।
अपने सुसाइड नोट और बातचीत में प्रदीप ने साफ किया कि वह इस रिश्ते को बचाने की हर संभव कोशिश कर रहा था। उसने कहा, मैं इसे समझाने की कोशिश करता रहा, लेकिन अब यह बर्दाश्त के बाहर हो गया है। प्रदीप की मौत ने न केवल व्यक्तिगत रिश्तों में विश्वासघात को उजागर किया, बल्कि यह भी सवाल खड़े किए हैं कि क्या सिस्टम में मौजूद लोग अपने पद का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं? क्या ऐसे मामले व्यक्तिगत सीमाओं से बाहर जाकर सार्वजनिक और कानूनी कार्रवाई की मांग नहीं करते? ……………….