कॉलेज ने बनाया नकल प्रकरण, डिप्रेशन में आकर BSC की छात्रा ने दे दी जान

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इंदौर: इंदौर में फिर एक कॉलेज की छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। बताया जा रहा है कि परीक्षा के दौरान कॉलेज प्रबंधन ने उसका नकल प्रकरण बना दिया था। छात्रा ने नकल नहीं करने की बात कहीं लेकिन उसकी नहीं सुनी। इसके बाद डिप्रेशन में आकर उसने अपनी जान दे दी। छात्रा ने आत्महत्या से पहले कॉपी में नोट लिखाकर अपने माता-पिता से माफ़ी मांगी है।

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पुलिस के मुताबिक़, रेणुका माता जीजा बाई कॉलेज में BSC थर्ड ईयर की छात्रा थी। वह मूल रूप से बरेली की रहने वाली थी और पढ़ाई के लिए इंदौर के भंवरकुआं इलाके में एक हॉस्टल में रह रही थी। तीन दिन पहले उसका केमिस्ट्री का पेर था। इस दौरान उसके हाथ पर कुछ लिखा देख कॉलेज प्रबंधन ने उसका नकल का प्रकरण बना दिया।

छात्रा ने नकल नहीं करने की बात कही लेकिन कॉलेज प्रबंधन ने उसकी बात मानने से इनकार दिया और उसे कॉलेज से निष्कासित करने की बात कही। छात्रा ने अपने पिता को पूरी बात बताई। उसके पिता ने इंदौर आकर कॉलेज प्रबंधन से बात करने के लिए कहा था। इस पर रेणुका ने उनसे कहा था कि 21 तारीख को मेरा पेपर है, मैं वह पेपर देकर आप से बात करती हूं, लेकिन उसने डिप्रेशन में आकर 20 अप्रैल की रात ही हॉस्टल के कमरे में फांसी लगा ली। छत्र ने नोट लिखकर अपने माता-पिता से माफ़ी मांगी है। छात्रा ने लिखा-

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SORRY….

खुश रहना आप सब। मम्मी-पापा यह मेरी गलती है। किसी की कोई गलती नहीं है। गलती सिर्फ मेरी है, आप मुझ पर इतना विश्वास कर मुझे भेजा और मैंने…………… मयंक को अच्छे से पढ़ाना। घर में खुश रहना और मेरी जगह वह आपका नाम रोशन करेगा।

परिवार का कहना था कि रेणुका पढ़ाई में अच्छी थी। वह पढ़ाई करते वक्त कभी हथेली पर तो कभी अपने हाथों पर पेन से लिख देती थी। बचपन में भी इस आदत के लिए मां-बाप ने कई बार उसे डांटा था, लेकिन रेणुका की यह आदत नहीं छूटी। सिर्फ हाथ पर कुछ शब्द लिखे देखकर कॉलेज प्रबंधन ने रेणुका का नकल प्रकरण बना दिया।

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