इंदौर: इंदौर में पकड़े गये सेक्स रैकेट के सरगाना विजयदत्त को लेकर अब कई खुलासे हो रहे हैं। विजयदत्त का असली नाम मोमिनुल है। वह पिछले 25 सालों से नाम बदलकर भारत में रह रहा था। यहां उसने राशनकार्ड से लेकर पासपोर्ट तक बनवा लिए थे। मोमिनुल ने पुलिस को बताया कि 1994 में वह बांग्लादेश से भारत में पश्चिम बंगाल के कृष्णा घाट नदी पर आया था ओर मजदूरी करने लगा।
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इसके बाद वह मुंबई चला गया ओर वहां होटल में काम करने लगा। एक शादी बांग्लादेश में करने के बाद उसने मुंबई में भी एक लड़की से शादी कर ली। वह बांग्लादेश भी जता रहता था। बांग्लादेश में उसकी पत्नी NGO चलती थी। NGO के जरिए उसकी पत्नी गरीब लड़कियों को नौकरी का झांसा देकर भारत भेजती थी।
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मोमिनुल अवैध तरीके से इन लड़कियों को बॉर्डर पार कराता था। लड़कियों को पहले कोलकाता लाया जाता फिर मुंबई भेजा जाता, जहां इन्हें ट्रेनिंग देकर देह व्यापार के धंधे में धकेल दिया जाता। इसके बाद इन लड़कियों को डिमांड के हिसाब से देश के अलग-अलग क्षेत्रों में भेजा जाता था। मोमिनुल लड़कियों के घरवालों को हर महीने 5-६ हजार रूपये भेज दिया करता था, जिससे उन्हें शक ना हो।
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पुलिस के मुताबिक, मोमिनुल पिछले 10 साल में हजारों बांग्लादेशी लड़कियों को देह व्यापार के धंधे में धकेल चुका है। मध्यप्रदेश के अलावा देश के विभिन्न राज्यों में एजेंट बना रखे हैं। मध्यप्रदेश के इंदौर, भोपाल, जबलपुर, खंडवा, राजगढ, पीथमपुर आदि शहरों में नेटवर्क फैला है। देश के दूसरे हिस्से मुंबई, पुणे, पालघर, सूरत, अहमदाबाद, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, जयपुर, उदयपुर आदि बड़े शहरों में भी उसने एजेंटों के जरिए लड़कियां सप्लाई की हैं।