जेल में जिहाद: कट्टरपंथी अल्ताफ चला रहा था ‘मिशन धर्मांतरण’, जिम्मेदारों को नहीं लगी भनक

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मंदसौर: मंदसौर जेल से ऐसी खबर आई है, जो आपको चौंकाने के साथ-साथ जिम्मेदारों पर भी सवाल उठाती है। जेल में धर्मांतरण का खेल चलता है, कट्टरपंथी सोच को बढ़ावा देने वाली किताबे पहुंच जाती है, खबरे जेल की दीवारों से बाहर आ जाती है लेकिन जिम्मेदारों को इसकी भनक तक नहीं लगती। उन्हें इसकी जानकारी उस समय लगती है जब मिशन को चलाने वाले की कैदी पिटाई करते हैं।

दरअसल, मंदसौर जेल में बंद कट्टरपंथी अल्ताफ हुसैन अपने मिशन धर्मान्तरण को जेल में चला रहा था। सूत्रों का दावा है कि उसके परिजन उसे 13 किताबे में जेल देकर गए थे, जिसमें हिंदू धर्म के अराध्य देव श्रीराम को लेकर बहुत ही आपत्तिजनक बातें लिखी हुई थी। अल्ताफ ऐसी ही किताबें पढ़ता और अपने मिशन पर काम करता है।

इसी जेल में बंद एक गोपाल नमक बंदी को अल्ताफ ने शिकार बनाया। उसने गोपाल से कहा कि तेरी जमानत हम करा लेंगे और तुझे बहुत पैसा देंगे। इसके साथ ही उसने उसे इस्लाम धर्म की खूबियां और अन्य धर्मों विशेषकर हिंदू धर्म की खामियां बताई। ऐसा कर अल्ताफ, गोपाल का ब्रेनवाश करने में कामयाब हो गया।

गोपाल हर उस बात का पालन करने लगा जो अल्ताफ उसे समझाता था। अल्ताफ की बात में आकर उसने जेल में बने मंदिर जाना भी बंद कर दिया था। वह मुस्लिमों की तरह व्यवहार करने लगा और अल्ताफ अपने मिशन में कामयाब होने लगा। अल्ताफ पूरी तरह अपने मिशन में सफल होता इससे पहले इसकी खबर जेल में बंद बजरंगियों को लग गई।

उन सभी ने मिलकर अल्ताफ को ऐसा सबक सिखाया कि अब वह शायद ही किसी को धर्म विशेष का पाठ पढ़ाएगा। कुछ दिनों पहले जेल में बंद कुछ कैदियों ने अल्ताफ के मिशन को बंद कर दिया और गोपाल को भी सही रास्ते पर ले आए। इतना सब होने के बाद इस बात की जानकारी जेलर और जेल के स्टाफ को लगती है तो मामला गंभीर बनता ही है। ऐसे में इसकी जांच होनी चाहिए।

 

 

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