RT-PCR टेस्ट की फर्जी रिपोर्ट तैयार कर ऐंठते रहे पैसे, तीन आरोपी गिरफ्तार

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नई दिल्ली: कोरोना काल के बीच आरोपियों ने लोगों की जान से खिलवाड़ करने का कोई मौका नहीं छोड़ा। फिर चाहे वह नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचना हो, जरुरी दवाओं की कालाबाजारी हो या फिर कोरोना टेस्ट की नकली रिपोर्ट हो। हाल ही में दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफ़ाश किया है, जो RT-PCR टेस्ट की नकली रिपोर्ट तैयार कर लोगों ने पैसे ऐंठता था। इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है।

ये आरोपी लैब के नाम से फर्जी बिल और रिपोर्ट बनाते थे। इनके पास से पुलिस ने एक लैपटॉप और तीन मोबाइल फोन बरामद किया है। पुलिस के मुताबिक 5 मई को शाहदरा थाने में आरटी पीसीआर टेस्ट की फर्जी रिपोर्ट मिलने के मामले में एक पीसीआर कॉल मिली थी।

पीड़ित ने बताया कि 21 अप्रैल को उसने परिवार के 6 सदस्यों का COVID-19 टेस्ट करने के लिए एक शख्स को बुलाया था। पीड़ित ने कोरोना जांच के लिए 6 लोगों का सैंपल दिया और साथ में 9 हजार रुपये भी दिए। चार दिन बाद भी जब उनकी रिपोर्ट नहीं आई, तो उन्होंने सैंपल लेने वाले शख्स से कांटेक्ट किया। तब उसने कहा कि, एक-दो दिन में रिपोर्ट आ जाएगी।

इसके बाद पीड़ित को उसकी नेगेटिव रिपोर्ट 28 अप्रैल को उसके व्हाट्सएप पर मिली। रिपोर्ट में सैंपल लेने की तारीख गलत थी जिसके चलते पीड़ित को शक हुआ तो वो पास के लैब में पहुंचा। जहां उसे पता चला कि जो कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट उसे मिली है वह फर्जी है। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

जांच के दौरान मोबाइल नंबर की डिटेल और मुखबिरों से जानकारी के आधार पर एक शख्स को पकड़ा गया है। उस शख्स ने अपना नाम सनी बताया, सनी ही पीड़ित के घर सैंपल लेने आया था। सनी ने अपने अन्य साथियों- जितेंद्र और सुनील की जानकारी दी, जिन्हें रेड कर गिरफ्तार कर लिया गया है।

पूछताछ के दौरान आरोपी सनी सिंह ने खुलासा किया कि वह एक लैब के लिए कोविड सैंपल कलेक्ट करता था। 21 अप्रैल को उसके दोस्त जितेंद्र ने पीड़ित के घर सैंपल लेने के लिए जाने को कहा था। उसने वहां पहुंचकर पीड़ित के परिवार के छह लोगों के कोविड-19 के सैंपल लिए करीब 9000 रुपये लिए। सनी ने पैसे लैब में देने के बजाए अपने दोस्त जितेंद्र को ट्रांसफर कर दिए और जब पीड़ित ने रिपोर्ट की मांग की तो आरोपी जितेंद्र ने एक नकली कोविड -19 नेगेटिव रिपोर्ट बनाकर सनी को भेज दी, जिसने आगे शिकायतकर्ता को दे दिया।

पुलिस पूछताछ में पता चला है कि इन लोगों ने इस तरह दिल्ली के कई इलाकों में लोगों को फर्जी कोरोना रिपोर्ट देकर पैसे ठगे हैं। उन सभी पीड़ितों से पुलिस सम्पर्क करने की कोशिश कर रही है।

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