नई दिल्ली: ऑनलाइन शॉपिंग और सोशल मीडिया का ट्रेंड जैसे-जैसे बढ़ता जा रहा है, वैसे ही साइबर क्राइम का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। साइबर क्रिमिनल यूजर्स को ठगने के लिए नए-नए तरीके निकाल रहे हैं। जब तक यूजर अपने साथ हुई ठगी का तरीका समझ पाता है, तब तक ये हैकर्स दूसरे हाईटेक तरीके इजात कर चुके होते हैं। साइबर पुलिस इस मामले में जनता से सतर्क रहने की अपील करती है।
जनता के अकाउंट और जेब से रुपये खींचने का शातिर कई हाईटेक फार्मूला इजाद कर चुके हैं। पुलिस इनके एक पैंतरे की कट तलाश करती है, तब तक कोई नया तरीका इजात हो चुका होता है। शातिरों द्वारा साइबर क्राइम के लिए अपनाए गए कई नए तरीके सामने आ चुके हैं। इनमें से कुछ का खुलासा खुद पुलिस ने किया है और सावधान रहने की सलाह दी है।
एक्सपर्ट कहते हैं कि इन दिनों शातिरों द्वारा सोशल मीडिया पर कई तरह के प्रलोभन भरे पोस्ट वायरल किए जा रहे हैं। इस पोस्ट में उनके जरिए नौकरी से लेकर सामान उपलब्ध कराने तक के दावे किए जाते हैं। इनके चंगुल में पोस्ट देखकर ज्यादातर बेरोजगारी की मार झेल रहे युवक-युवतियां फंस जाते हैं।
फंसने वालों को इंटरव्यू के बाद नौकरी दिलाने के नाम पर रुपये की मांग की जाती है। कुछ साइबर शातिर नामी कंपनियों से मिलते-जुलते नाम का इस्तेमाल कर फेक प्रोडक्ट वायरल कर देते हैं।ऑनलाइन सेल और होल डिलेवरी के नाम पर रुपये खाते में मंगाने के बाद खरीदार को सामान ही नहीं दिए जाते।
एक्सपर्ट बताते हैं कि शादी विवाह जैसे केस में भी साइबर शातिरों द्वारा बड़े स्तर पर फ्राड किए जाते हैं। लड़के-लड़कियों को एक दूसरे की फर्जी तस्वीरें भेजकर बात आगे बढ़ाने के लिए रजिस्ट्रेशन के नाम पर भी वसूली की जाती है। साइबर क्राइम की दुनिया में बैठे क्रिमिनल, सुविधाजनक इलाज के भी दावे कर करते सोशल मीडिया पर दिखाई दे रहे हैं। बड़ी सी बड़ी बीमारी का इलाज सस्ते में वह भी नामी हॉस्पिटलों में कराने के द्वारा किए जा रहे हैं।
सोशल मीडिया के माध्यम से सस्ते व्याज दर पर लोन और अपार्टमेंट के साथ प्रॉपर्टी भी इनके जरिए बेचने के झांसे दिए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, टूर पैकेज के नाम पर भी पब्लिक से ऑनलाइन ठगी की जाती है। ट्रेन से लेकर प्लेन तक के टिकट से लेकर होटल और गाड़ी तक बुक कराने के पैकेज का कम पैसे में इनके जरिए झांसा दिया दिए जा रहे हैं। वह इस काम को बनाई गई फेक साइट के जरिए अंजाम देते हैं। हर काम के लिए रुपये अकाउंट में पहले मंगाए जाते हैं। रुपये देते ही वे फोन ही उठाना बंद कर देते हैं।
साइबर शातिरों के हर पैतरे पर नजर रखने वाले एक्सपर्ट पुलिस के जवान कहते हैं कि सतर्कता ही इनसे बचाव का सही जरिया है।सोशल मीडिया हो या फिर कोई भी साइट पर किए गए हर दावे सही हैं या नहीं, इस बात की पड़ताल खुद करनी चाहिए। किसी भी प्रलोभन पर बगैर पड़ताल के एक भी रुपया किसी के खाते में ट्रांसफर न करें और न ही अपने खाते की जानकारी दें।
फोन पर दिए जाने वाले प्रलोभन को स्वीकार न करें और किसी भी तरह की कोई जानकारी ना दें। खुद को सेना का जवान बताकर सामान बेचने वालों के कहने पर कभी भी रुपये उनके अकाउंट में ट्रांसफर न करें। हैकर्स की हर चाल पर पुलिस की नजर है लेकिन आपकी सावधानी ही आपको बचा सकती हैं।