इंदौर के राजवाडा स्थित पंजाब एंड सिंध बैंक पर बुधवार शाम को EOW का छापा पड़ने से हड़कम्प मचा हुआ है.छापे में सामने आया है कि मामला शराब माफियाओं और ठेकेदारों से जुड़ा है, जिसमें बैंक गारंटी के नाम पर करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा हुआ है। इसमें बैंक अधिकारियों पर ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने का आरोप है।
दरअसल EOW को अधूरे दस्तावेजों पर बैंक गारंटी की जानकारी मिली थी, इसमें पंजाब एंड सिंध बैंक के अधिकारियों की मिलीभगत का शक है। EOW को शक है कि मामले में 150 करोड़ रुपये का बैंक घोटाला हुआ है। इसके लिए ही बुधवार को पंजाब एंड सिंध बैंक के राजबाड़ा स्थित ऑफिस पर छापा मारा गया था।
दरअसल शराब ठेकों के लिए हर साल फरवरी में बोली लगती है।इसके लिए बोली से पहले हर ठेकेदार को 12 फीसदी की बैंक गारंटी देनी होती है और बची हुई राशि किस्तों के जमा करनी होती है।लेकिन शराब ठेकेदारों ने अधूरे दस्तावेजों के आधार पर गारंटी लेकर ठेके ले लिए जिसके बाद कई सवाल उठे और इस मामले की शिकायत ईओडब्ल्यू तक जा पहुंची।
गौरतलब है कि शराब सिंडीकेट से जुड़े अधिकतर ठेकेदारों के अकाउंट पंजाब एंड सिंध बैंक की राजबाड़ा ब्रांच में ही हैं। बैंक द्वारा कई मामलों में बगैर प्रॉपर्टी की जांच किए क्षमता से ज्यादा बैंक गारंटी दे दी गई है।
EOW एसपी धनंजय शाह ने बताया कि अगर इंदौर स्थित शाखा से पूरी जानकारी नहीं मिली तो विंग बैंक के दिल्ली स्थित मुख्य कार्यालय जाकर जांच आगे बढ़ाएगी।इसमें पता लगाया जाएगा कि कौन सी लापरवाही हुई हैं।फिलहाल इस घोटाले में शामिल बैंक अधिकारियों को बेनकाब करने की कोशिश जारी है।जांच पूरी होने के बाद आरोपी बैंक अधिकारियों को सख्त सजा दी जायेगी।