इंदौर: ढाई साल की बेटी को रोता-बिलखता छोड़ मां फांसी के फंदे से झूल गई। महिला ने मासूम बेटी को पिता के साथ भेज दिया। वह मां के लिए रोटी रही। बंद दरवाजा देख पति और देवर ने दरवाजा तोड़ा तो होश उड़ गए। पत्नी अंदर पंखे से लटकी हुई थी। मामले की सूचना तुरंत पुलिस को दी गई। पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। घटना इंदौर की है।
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जानकारी के मुताबिक़, मारुती नगर में रहने वाकू सुनीता चौकसे फांसी लगाकर जान दे दी है। देवर ओमप्रकाश ने बताया कि वह कुछ ही दूरी पर रहता है। बड़े भाई जितेंद्र की घर के सामने ही पान की दुकान है। दिन में भाई खाना खाने घर गए थे। लौटते हुए बेटी को दुकान पर साथ ले आए। वह रोने लगी भी भाई ने मुझे बुलाकर बेटी को छोड़ने के लिए कहा। मैं उसे छोड़ने गया तो दरवाजा अंदर से लगा हुआ था। बच्ची अपनी मां से मिलने के लिए बिलख रही थी।
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काफी देर तक आवाज लगाने पर भी दरवाजा नहीं खुला तो उसने अपने भाई को बुलाया। जितेंद्र घर पहुंचा और दोनों भाइयों ने मिलकर दरवाजा तोड़ा तो पत्नी फंदे से लटकी हुई थी। पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पूछताछ में पति जितेंद्र ने बताया कि सुनीता उसका मोबाइल चलाने के लिए मांग रही थी, जिसे उसने देने से इनकार कर दिया था। इस पर सुनीता ने बेटी को अपने पिता के साथ भेज दिया और दोनों के जाने पर फांसी लगा ली।



