आज हम बात करने जा रहे है इंदौर क्राइम ब्रांच के चर्चित अधिकारी बलराम सिंह रघुवंशी की।जिन्होंने अपने अब तक कैरियर के छोटी अवधि में ही बड़ी उपलब्धि अपने नाम लिखा ली है।चाहे छुपे हुए फरार भूमाफियाओं की गिरफ्तारी हो या चर्चित हनीट्रैप कांड।पिछले 5 सालों में ऐसे कई बड़े मामले है जो इन्होंने क्राइम ब्रांच में सब इंस्पेक्टर के पद पर रहते हुए हल किये है।2013 बैच के बलराम को पुलिस विभाग में पदस्थ रहते हुए 9 साल हो गए है।ट्रेनिंग के बाद ढाई साल तक भोपाल में पदस्थ रहने के बाद इन्होने इंदौर क्राइम ब्रांच में सब इंस्पेक्टर के तौर पर कार्य किया।इस दौरान वह क्राइम टीम के प्रभारी भी रहे।यहाँ इंदौर नकली नोट के मामले में बड़ा खुलासा करते हुए 22 लाख के नकली नोट पकड़े थे।इस मामले में ऐसे तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था जो कि 2 करोड़ के नकली नोट बाजार में चला चुके थे।
साथ ही किशनगंज थाना क्षेत्र में mp हाई कोर्ट के एडवोकेट लिखी गाड़ी को भी पकड़ा था ।जिसमे आरोपी 102 किलो गांजा लेकर जा रहे थे।इस गांजे की कीमत करीब 25 लाख रुपये बताई जा रही थी।और तो और सेकड़ो प्लॉट धारकों के साथ धोखाधड़ी करके फरार हुए भूमाफिया हैप्पी धवन को भी बलराम और उनकी टीम ने ही गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे भेजा था।मध्यप्रदेश के चर्चित हनीट्रैप कांड में भी शुरू से इस मामले को उच्च अधिकारियों के निर्देशन में बलराम ने लीड करते हुए इसके सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
साथ ही बलराम ने ऐसे 6 अनसुलझे ब्लाइंड मर्डर को सॉल्व किया है।जो कि सालों से ट्रेस नही हो पा रहे थे।इस कार्य के लिए वर्तमान पुलिस कमिश्नर औऱ तत्कालीन डीआइजी हरिनारायण चारी ने बलराम को सम्मानित भी किया था। 5 सालों तक इंदौर क्राइम ब्रांच में पदस्थ रह कर बड़े मामलो को सुलझाने के बाद अब बलराम नक्सल प्रभावित क्षेत्र बालाघाट में अपनी सेवाएं दे रहे है।आप इसी तरह अपनी बौद्धिक कौशल और साहस ने अपराधों पर अंकुश लगाने के प्रयास करते रहे इसी शुभकामना के साथ आपकी जीवटता और साहस के लिए वर्दीवाला करता है- *सैल्युट आपको*