इंदौर। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) कैलाश मकवाना रविवार को इंदौर पहुंचे और पुलिस कंट्रोल रूम में अपराध, ट्रैफिक और कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने पुलिस थानों में जनता फीडबैक के लिए लगाए गए क्यूआर कोड का औपचारिक अनावरण भी किया। डीजीपी ने कहा कि जनता की राय ही पुलिस के लिए सबसे बड़ी कसौटी है और इस फीडबैक से कार्यप्रणाली को और बेहतर बनाया जाएगा।
राजेंद्र नगर थाने को आईएसओ सर्टिफिकेशन मिलने पर भी डीजीपी ने बधाई दी और कहा कि यह उपलब्धि अन्य थानों के लिए प्रेरणा बनेगी। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जनता के विश्वास को बनाए रखने के लिए थानों में पारदर्शिता और जवाबदेही जरूरी है।
कमिश्नर ऑफ पुलिस संतोष कुमार सिंह ने डीजीपी का स्वागत करते हुए इंदौर पुलिस की प्रमुख उपलब्धियों और वर्तमान चुनौतियों की जानकारी दी। बैठक में ट्रैफिक नियंत्रण, साइबर अपराध, महिला सुरक्षा, और थानों की व्यवस्थाओं पर विस्तार से चर्चा हुई।
डीजीपी मकवाना ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जनता से जुड़ने के लिए तकनीक का अधिकतम उपयोग करें और फील्ड में सक्रिय रहकर कानून-व्यवस्था मजबूत करें। उन्होंने कहा कि क्यूआर कोड सिस्टम को प्रभावी तरीके से लागू किया जाए ताकि लोग बिना डर और झिझक के अपनी बात पुलिस तक पहुंचा सकें।
क्यूआर कोड से थानों में पारदर्शिता की नई पहल
अब शहर के थानों में लगने वाले क्यूआर कोड के जरिए कोई भी व्यक्ति थाने में मिले व्यवहार, शिकायत के समाधान और पुलिस रवैये को लेकर ऑनलाइन फीडबैक दे सकेगा। यह फीडबैक सीधे पुलिस मुख्यालय तक पहुंचेगा, जिससे अफसरों को फील्ड की असल स्थिति का पता चलेगा और जरूरत होने पर त्वरित कार्रवाई भी संभव होगी।इस अवसर पर इंदौर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी, कंट्रोल रूम स्टाफ और अन्य विभागीय प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।




