रीवा: मध्यप्रदेश पुलिस की कार्यप्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में है। इस बार मामला न सिर्फ लापरवाही का है, बल्कि पूरे सिस्टम पर शर्म लाने वाला भी। रीवा के चोरहटा थाना क्षेत्र में पुलिस हिरासत में ले जाए जा रहे बदमाशों ने गाड़ी में ही वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिए। वीडियो में आरोपी मस्ती के मूड में, गाना बजता है—”तेरी चढ़ती जवानी मेरा पारा गोरी”—और पीछे पुलिसकर्मी पूरी तरह बेपरवाह बैठे नजर आते हैं।
यह वाकया 13 जुलाई की सुबह 8 बजे का है। पुलिस टीम चार आरोपियों—आशीष सिंह, ललिता वती केवट, भोले केवट और एक अन्य महिला को लेकर जा रही थी। गाड़ी के पिछले हिस्से में तीन आरोपी हथकड़ी लगे हुए बैठे थे, वहीं सामने की सीट पर एक महिला आरोपी और पुलिसकर्मी मौजूद थे। लेकिन पुलिस की मौजूदगी में ही आरोपियों ने मोबाइल निकाला, गाना चलाया, बाल संवारे और रील बना डाली—जैसे कोई पिकनिक पर जा रहे हों।
हेड कॉन्स्टेबल पुष्पराज बागरी, कांस्टेबल अनूप त्रिपाठी, शिवमूर्ति मिश्रा, ऋतुराज साकेत और असिता सिंह ड्यूटी पर मौजूद थे। लेकिन पूरे घटनाक्रम के दौरान किसी की सतर्कता नदारद दिखी। क्या हथकड़ी लगाना भर काफी है? क्या मोबाइल चेक नहीं किया गया? और अगर किया गया तो फिर यह तकनीकी तमाशा कैसे संभव हुआ?
एएसपी आरती सिंह ने कहा है कि मामले की जांच की जा रही है और दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई होगी। लेकिन सवाल यह है कि क्या सिर्फ जांच और चेतावनी से पुलिस महकमे की गिरती साख को बचाया जा सकता है?यह कोई पहली घटना नहीं है जब पुलिस हिरासत में बैठे आरोपियों ने ‘फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन’ का ऐसा ‘खुला मंच’ पा लिया हो। इससे पहले नर्मदापुरम में भी ऐसे ही मामले सामने आ चुके हैं।




