दलित आरटीआई एक्टिविस्ट को बेरहमी से पीटा,जूते में पेशाब पिलवाई, एम्स में चल रहा इलाज।

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ग्वालियर से एक दलित आरटीआई एक्टिविस्ट को पीटने और पेशाब पीने का दबाव बनाने का मामला सामने आया है।पीड़ित का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने ग्वालियर के एक गांव में पंचायत खर्च को लेकर जानकारी निकालने के लिए आरटीआई का आवेदन दाखिल किया था।इस बात से नाराज सात लोगों के सामुहिक रूप से दलित आरटीआई एक्टिविस्ट को पीटा और फिर जूते में भरकर पेशाब पीने के लिए मजबूर किया।इस मामले में पीड़ित शशिकांत जाटव को इतनी गम्भीर चोटे आयी है कि उसे दिल्ली के एम्स रेफर किया गया है। ग्वालियर के एसपी अमित सांघी ने बताया कि घटना 23 फरवरी की है और अब तक इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

जाटव ने पुलिस को बताया कि उसने ग्वालियर से करीब 30 किलोमीटर दूर बरही ग्राम पंचायत द्वारा खर्च के ब्योरे की मांग को लेकर उसने एक आरटीआई दायर की थी।उसके आवेदन की वजह से बरही के सरपंच के पति सहित पंचायत के कुछ अधिकारी नाराज हो गए। शिकायत के मुताबिक, इसके बाद उन लोगों ने एक योजना बनाई और जाटव को 23 फरवरी को गांव का दौरा करने के लिए कहा।जब वह गाँव पहुँचा तो उसे एक एक कमरे में बंद कर दिया और बेरहमी से पीटा। इसके बाद उन्हें जूते से पेशाब पीने के लिए मजबूर किया गया। पीड़ित को पहले ग्वालियर के जयरोग्य अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था और फिर उसकी तबीयत बिगड़ने पर एम्स-दिल्ली में शिफ्ट कर दिया गया।पुलिस ने सात आरोपियों के खिलाफ अपहरण, हत्या के प्रयास और एससी-एसटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि शिकायतकर्ता के खिलाफ भी नौ मामले दर्ज हैं।

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