इंदौर: इंदौर में जीआरपी पुलिस का एक ऐसा कारनामा सामने आया है जिसमे एक व्यापारी को जीआरपी पुलिस ने सोने के साथ पकड़ाऔर व्यापारी ने सोने का बिल भी दिखा दिया था। उसके बाद भी पुलिस ने केस दर्ज कर व्यापारी को जेल भिजवा दिया। मामले की सूचना जैसे ही रेलवे एसपी को लगी तो तुरंत ही एसपी ने जीआरपी थाना टीआई को सस्पेंड कर इस मामले में टीआई पर जांच बैठा दी है।
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दरअसल, इंदौर में सराफा कारोबारी को इंदौर जीआरपी पुलिस द्वारा परेशान करने का एक सामने आया है। गाडरवाड़ा नरसिंहपुर के पिपरहटा गांव से सराफा कारोबारी राहुल शुक्ला इंदौर में ज्वेलरी खरीदी के लिए सराफा आए थे। उन्होंने सराफा कारोबारी आशीष जैन की दुकान से 1400 ग्राम सोने के जेवर ख़रीदे और बिक्री का बिल ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत तैयार कर उनकी फर्म को दिया।
जेवर बैग में लेकर राहुल शाम 6.30 बजे रेलवे स्टेशन पहुंचे तो वहां जीआरपी ने चेकिंग के नाम पर उन्हें रोक लिया। उन्हें थाने ले आए। राहुल ने कहा जेवर अवैध नहीं हैं। बिल ऑनलाइन जनरेट हुआ है। उन्होंने जीआरपी जवानों को ऑनलाइन जनरेट बिल भी दिखाया, फिर भी पुलिस ने उनकी बात नहीं मानी। उन्हें रात 11 बजे तक बैठाने के बाद बिना बिल के अवैध रूप से सोना ले जाने के मामले में राहुल पर केस दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया।
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पूरा मामला जब पूर्व महापौर तक पंहुचा तो उन्होंने मामले में एसपी रेल निवेदिता गुप्ता से जानकारी ली। तब पता चला कि टीआई ने बिल दिखाने के बाद भी गलत ढंग से व्यापारी राहुल को बैठाए रखा। इस पर एसपी ने जीआरपी टीआई केपी शुक्ला को सस्पेंड कर दिया है। एसपी का कहना हे टीआई को जीएसटी विभाग सुचना देना थी लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और व्यापारी को केस बनाकर जेल भेज दिया। फिलहाल टीआई को सस्पेंड कर पूरे मामले की जाँच के आदेश दिए है।



