नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के बाराखंभा रोड इलाके में एक 25 वर्षीय चार्टर्ड अकाउंटेंट ने हीलियम गैस के ज़रिए आत्महत्या कर ली। इस असामान्य और बेहद चौंकाने वाले आत्महत्या के तरीके ने न सिर्फ पुलिस को हैरान कर दिया है, बल्कि यह दिल्ली का पहला मामला है, जिसमें किसी व्यक्ति ने हीलियम गैस का उपयोग कर खुदकुशी की है। मृतक की पहचान धीरज कंसल के रूप में हुई है, जो मूल रूप से हरियाणा का निवासी था और हाल ही में महिपालपुर के एक पीजी में रह रहा था।
होटल से नहीं किया चेकआउट, तब खुला राज
घटना 28 जुलाई 2025 की है। बाराखंभा थाने को सूचना मिली कि एक होटल में ठहरा गेस्ट चेकआउट नहीं कर रहा और कमरे से संदिग्ध बदबू आ रही है। सूचना मिलते ही पुलिस, फॉरेंसिक टीम और दमकल विभाग मौके पर पहुंचे और दरवाजा तोड़कर कमरे में दाखिल हुए। अंदर का दृश्य चौंकाने वाला था।
पुलिस के अनुसार, धीरज का शव बेड पर पीठ के बल पड़ा था। उसके मुंह में एक पाइप लगी हुई थी, जो पास में रखे हीलियम गैस सिलेंडर से जुड़ी थी। उसके चेहरे पर मास्क चढ़ाया गया था और उसे प्लास्टिक से इस तरह लपेटा गया था कि कोई गैस बाहर न निकले। पास ही मास्क, गैस मीटर और अन्य उपकरण भी मिले।
कमरे से मिला सुसाइड नोट, फेसबुक पोस्ट का जिक्र
जांच के दौरान पुलिस को कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें लिखा है कि उसकी मौत के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है। उसने लिखा:” मेरे लिए मौत जीवन का सबसे खूबसूरत हिस्सा है। कृपया मेरी मौत पर दुखी न हों। आत्महत्या करना गलत नहीं है, क्योंकि मेरी किसी पर जिम्मेदारी नहीं है और न ही कोई मुझसे भावनात्मक रूप से जुड़ा है।”
सुसाइड नोट में यह भी उल्लेख है कि यदि उसकी फेसबुक पोस्ट डिलीट हो जाती है, तो यह नोट उसके विचारों की अभिव्यक्ति के लिए है।
अकेलापन और पारिवारिक परिस्थितियां सामने आईं
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि धीरज के पिता का निधन 2003 में ही हो गया था। इसके बाद उसकी मां ने दूसरी शादी कर ली थी। उसका कोई भाई या बहन नहीं है। वह अकेला था और मानसिक रूप से टूट चुका था, हालांकि उसने कहीं भी प्रत्यक्ष रूप से तनाव या दबाव का उल्लेख नहीं किया।
बिना पीड़ा के दम घुटने से जाती है जान
विशेषज्ञों के अनुसार, हीलियम गैस शरीर में ऑक्सीजन की जगह ले लेती है, जिससे व्यक्ति का दम घुटता है, लेकिन यह प्रक्रिया इतनी शांत और पीड़ा रहित होती है कि मृतक को संघर्ष करने का अवसर नहीं मिलता। यही कारण है कि यह तरीका अब दुनिया के कई हिस्सों में आत्महत्या के दुर्भाग्यपूर्ण मामलों में देखा जा रहा है।
धीरज कंसल के शव को पोस्टमार्टम के लिए **लेडी हार्डिंग अस्पताल भेजा गया है। पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है, ताकि इस आत्महत्या के पीछे की मानसिक स्थिति और परिस्थितियों को पूरी तरह से समझा जा सके।




