रायपुर: छत्तीसगढ़ में अंध विश्वास ने तीन बच्चों की जिंदगी छीन ली है। भाई-बहन को सांप ने डसा तो परिजन झाड़-फूंक में उलझे रहे। इस दौरान बच्ची की मौत हुई। इसके बाद भी परिजन बेटे को अस्पताल ले जाने की जगह घर ले आए, जहां उसने भी दम तोड़ दिया। वहीं एक अन्य 10 साल के बच्चे की उपचार के दौरान अस्पताल में मौत हो गई। घटना गौरेला-पेंड्रा-मरवाही की है।
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जानकारी के मुताबिक़, 8 साल की अन्नू और 11 साल के लोकेश को दो दिन पहले सांप ने काट लिया था। देर रात करीब 11 बजे उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। पेट और सीने में दर्द के साथ ही दोनों बच्चों के मुंह से झाग निकलने लगा। यह देख परिजनों ने झाड़-फूंक करना शुरू कर दिया। इससे बच्चों की तबीयत और बिगड़ गई।
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तबीयत ज्यादा बिगड़ती देख परिजन दोनों बच्चों को अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां अन्नू को मृत घोषित कर दिया गया। लोकेश का उपचार शुरू हुआ। हालत बिगड़ती जा रही थी, उसे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। उसकी हालत देख उसे दूसरे अस्पताल रेफर किया गया लेकिन परिजन उसे वहां नहीं ले जाते हुए, घर ले गए। यहां फिर से झाड़-फूंक शुरू कर दी। इसके चलते उसकी भी मौत हो गई।
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वहीं दूसरा मामला एक दिन पहले 14 जुलाई का है। ग्राम रटगा निवासी थानू यादव के 10 साल के बेटे सागर की तड़के करीब 5 बजे सांप ने डस लिया। बच्चे की हालत बिगड़ती देख परिजन उसे एंबुलेंस से CHC मरवाही लेकर पहुंचे। वहां उपचार शुरू हुआ पर तबीयत में सुधार नहीं हो रहा था। इसके चलते बच्चे को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। परिजन उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन उसके गेट पर ही एंबुलेंस में बच्चे की सांसें थम गईं।



