जयपुर: राजस्थान के जयपुर में पुलिस ने बाल मजदूरी का बड़ा खुलासा किया है। मौके पर छापा मारकर पुलिस ने 22 बच्चों को मुक्त कराया। यह सभी बच्चे छोटे से कमरे में एक साल से काम कर रहे थे। इनकी उम्र 9 से 16 साल तक है। शुरुआती पूछताछ में सामने आया है कि इन बच्चों से 18 घंटे काम करवाया जा रहा था। तबीयत खराब होने पर लोहे की रॉड से पीटा जाता था। आरोपी शाहनवाज 500- 500 रूपया एडवांस देकर इन बच्चों को लाया था। कार्रवाई के बाद आरोपी अपनी पत्नी के साथ फरार है।
बचपन बचाओ आंदोलन संस्था को जानकारी मिली थी कि एक घर में बच्चों से मजदूरी कराई जा रही है। उस घर में पिछले एक महीने से बच्चों की पिटाई और उनके रोने की आवाज सुनाई दे रही थी। आसपास के लोगों ने इस मामले की शिकायत संस्था से की थी। संस्था ने चाइल्डलाइन, पुलिस और अन्य लोगों के साथ मिलकर एक घर पर छापा मारा।
टीम जब अंदर पहुंची तो बच्चे पहली मंजिल पर काम कर रहे थे। रेस्क्यू के बाद मेडिकल कराने पर 11 साल का एक बच्चा कुपोषित निकला। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कुछ बच्चों ने छाती में दर्द की शिकायत की है। पता चला है कि इन बच्चों को कुछ दिन पहले लोहे की रॉड से पीटा गया था। उसकी पसलियों में सूजन आई है। बताया जा रहा है कि इस बच्चे ने चूड़ी में मोती गलत लगा दिया था।
प्रारम्भिक पूछताछ में बच्चों ने बताया- आरोपी शहनवाज उन्हें बिहार के सीतामढ़ी और मुजफ्फराबाद से लेकर आया है। आरोपी ने उनके माता-पिता को 500 से 1000 रुपए अग्रिम राशि दी है। इसके बाद आरोपी उन्हें जयपुर लेकर आया। 18 घंटे काम लेता है। इन बच्चों के साथ जानवरों से भी बुरा व्यवहार होता है। कई दिनों तक इन बच्चों को नहाने नहीं दिया जाता। बच्चों को बीमारियां हो गई हैं। खाने में सिर्फ खिचड़ी, चाय और बिस्किट दिए जाते हैं।



