
बड़नगर के कांग्रेस विधायक मुरली मोरवाल के दुष्कर्मी पुत्र करन मोरवाल की मुश्किलें जमानत के बाद फिर बढ़ गयी है।करन पर आज धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज हुआ है। दरअसल पीड़ित कांग्रेस नेत्री द्वारा करन मोरवाल पर दुष्कर्म का प्रकरण दर्ज करवाया गया था।जिसके बाद आरोपी करन मोरवाल द्वारा न्यायालय को गुमराह कर अग्रिम ज़मानत लेने के उद्देश्य से बड़नगर सरकारी अस्पताल का एक फ़र्ज़ी दस्तावेज न्यायालय में प्रस्तुत किया था और बताया था कि घटना के समय वह बड़नगर सरकारी अस्पताल में भर्ती था।आरोपी पक्ष द्वारा यह दस्तावेज उच्च न्यायालय एवं सुप्रीम कोर्ट में भी प्रस्तुत किया गया है। जबकि घटना के समय के सीसीटीवी फ़ुटेज में करन स्पष्ट रूप से पीड़िता को नशे की हालत में जबरजस्ती खींचता हुआ और फ़्लेट पर ले जाता हुआ दिख रहा है।
इन सीसीटीवी फुटेज से स्पष्ट होता है कि करन द्वारा फ़र्ज़ी दस्तावेज के आधार पर जमानत ली गयी है।इस मामले में जब उज्जैन कलेक्टर द्वारा जांच करवाई गई तो पाया गया की डॉ देवेन्द्र स्वामी जो कि उस समय बड़नगर सरकारी अस्पताल का प्रभारी मेडिकल ऑफ़िसर था।उसने फ़र्ज़ी तरीक़े से अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर दबाव बनाकर करन मोरवाल का बिना रजिस्ट्रेशन नंबर के भर्ती रजिस्टर में अन्य मरीज के स्थान पर दिनांक 13-2-21 को भर्ती रजिस्टर सीरियल क्रमांक 144/35 पर ओवर राइटिंग कर दर्ज किया था।जांच में दोषी पाए जाने पर डॉ देवेन्द्र स्वामी को निलंबित कर दिया गया था।करन पर प्रकरण दर्ज कराने के लिए पीड़ित युवती ने कई बार इंदौर और उज्जैन के तमाम वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से निवेदन किया था।जिसके बाद आज पुलिस थाना एमजी रोड द्वारा करन मोरवाल एवं डॉ देवेन्द्र स्वामी पर धोखाधड़ी की धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया गया है।परंतु अभी भी फ़र्ज़ी दस्तावेज निर्माण करने की धारायें 467-468 नहीं बढ़ाई गयीं हैं।




