हेड कांस्टेबल आत्महत्या मामला: बैंक ट्रांजेक्शन, कॉल डिटेल और गवाहों के बयानों से खुला राज

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इंदौर। परदेशीपुरा थाने में तैनात हेड कांस्टेबल विनोद यादव की आत्महत्या के मामले में नया मोड़ आ गया है। मामले की जांच कर रही एमआईजी थाना पुलिस ने बुधवार देर रात विनोद की महिला मित्र संजू राणा के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का प्रकरण दर्ज किया है। जांच में सामने आया है कि संजू ने विनोद को लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और उनकी संपत्ति हड़पने के लिए दबाव बनाया।

पुलिस के अनुसार, 22 मई की रात विनोद यादव ने अपने सरकारी क्वार्टर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। शुरूआत में इसे व्यक्तिगत तनाव का मामला माना जा रहा था, लेकिन विस्तृत जांच में महिला मित्र द्वारा लगातार धमकी देने, मानसिक प्रताड़ना और पैसों की मांग जैसी बातें सामने आईं।

जांच में यह भी पता चला कि संजू राणा मकान की रजिस्ट्री अपने नाम करवाने के लिए विनोद पर दबाव बना रही थी। इतना ही नहीं, उसने विनोद को झूठे मुकदमे में फंसाने की भी धमकी दी थी। घटना के दिन भी वह विनोद के निवास पर पहुंची थी और दोनों के बीच तीखी बहस हुई थी।

पुलिस को विनोद के बैंक अकाउंट से संजू के खाते में कई बार रकम ट्रांसफर होने के साक्ष्य मिले हैं। इसके साथ ही कॉल डिटेल रिकॉर्ड, बैंकिंग लेन-देन और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान इस बात की पुष्टि करते हैं कि संजू लगातार विनोद पर मानसिक दबाव बना रही थी।

पहले छोड़ा, फिर डिजिटल सबूतों के आधार पर केस दर्ज

शुरुआती पूछताछ के बाद संजू को छोड़ दिया गया था, लेकिन डिजिटल साक्ष्य और अन्य प्रमाण मिलने के बाद अब उसके खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच आगे भी जारी रहेगी और जरूरत पड़ने पर गिरफ्तारी की कार्रवाई की जाएगी।

विनोद यादव के परिजनों ने शुरू से ही इस मामले में संजू राणा की भूमिका पर सवाल उठाए थे और गंभीर जांच की मांग की थी। अब केस दर्ज होने के बाद परिजनों को न्याय की उम्मीद जगी है।

 

 

 

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