धर्मांतरण रैकेट: यू-ट्यूब पर वीडियो अपलोड करने के साथ शुरू हुआ आदित्य के माइंड वॉश का गेम और बन गया अब्दुल

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश एटीएस ने एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का खुलासा करते हुए दो मौलानाओं को गिरफ्तार किया है। मौलाना मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर दोनों दिल्ली के जामिया नगर इलाके के रहने वाले हैं। इन दोनों मौलाना पर आरोप है कि ये पिछले दो सालों से धर्म परिवर्तन का रैकेट चला रहे थे।नौकरी, शादी और पैसे का लालच देकर इन्होने एक हजार से ज्यादा लोगों का धर्म परिवर्तन कराया है।

एटीएस का दावा है कि दोनों के पास से आईएसआई फंडिंग और धर्मांतरण कराने के तमाम साक्ष्य हाथ लगे हैं। आईएसआई की फंडिंग पर यूपी समेत अन्य राज्यों में धर्मांतरण करवाने वाले रैकेट ने नोएडा डेफ सोसायटी नामक मूक-बधिरों के रेजिडेंशियल स्कूल के कई लोगों का भी धर्म परिवर्तन करवाया है।

कानपुर के काकादेव का रहने वाला आदित्य भी इस गैंग के निशाने पर आया और उसको भी अब्दुल बना दिया गया। मूक-बधिर छात्र आदित्य अपनी सांकेतिक भाषा के वीडियो यू-ट्यूब पर अपलोड करता था और यही से वह धर्मांतरण गिरोह के निशाने पर आ गया। ये गिरोह सांकेतिक भाषा का भी एक्सपर्ट है।

गिरोह ने पहले तो आदित्य के वीडियो पर कमेंट कर खूब तारीफ़ की और उसका मोबाइल नंबर ले लिया। इसके बाद उसे सांकेतिक भाषा वाले वीडियो और भड़काऊ साहित्य उपलब्ध कराने लगे। इन्हीं लोगों ने उसका माइंड वॉश किया। पैसे, शादी और नौकरी का लालच देकर उसे आदित्य से अब्दुल कादिर बना दिया। तकरीबन एक साल पहले आदित्य ने सांकेतिक भाषा में बनाए गए कुछ वीडियो यू-ट्यूब पर अपलोड किए थे।

आदित्य की मां लक्ष्मी ने बताया कि वीडियो पर कुछ लोगों ने कमेंट कर उसकी तारीफ की। इसमें वे लोग भी शामिल थे, जिन्होंने आदित्य का धर्म परिवर्तन कराया। कमेंट के जरिये इन लोगों ने आदित्य का नंबर लिया और वीडियो कॉल पर बातचीत करने लगे। यहीं से आदित्य के माइंड वॉश करने का खेल शुरू हुआ।

परिजनों ने बताया कि आदित्य रात-रात भर चोरी-छिपे फोन पर बात करता था। जब कुछ पूछा जाता था तो नजरअंदाज कर देता था। इसके बाद वह मोबाइल को अपने तकिये के नीचे रखकर सोने लगा। कभी रात के दो बजे तो कभी चार बजे उसको फोन आता था। परिजनों के मुताबिक कॉल आने पर वो एकांत जगह चला जाता था।

आदित्य से केरल के दो शख्स बात करते थे। इनके नाम साबिर और शाहद हैं। इनके जरिये ही वह दक्षिण भारत में कई महीनों तक रहा। घर पर वह पांच वक्त की नमाज भी पढ़ता था। एजेंसियों को आशंका ये भी है कि जिन लोगों ने आदित्य व अन्य लोगों का धर्मपरिवर्तन कराया है, वे आतंकी संगठन से भी जुड़े हो सकते हैं। जो इस तरह से लोगों को फंसाकर स्लीपर मॉड्यूल तैयार करने का काम कर रहे हैं।

परिजनों ने एक और चौंकाने वाला खुलासा किया है। बताया कि आदित्य के पास जो फोन था, जब उसे अनलॉक किया तो उसका पूरा डाटा गायब हो गया। आशंका है कि ये मोबाइल आरोपियों ने ही उसे दिया था, जिसका एक्सेस उन्हीं के पास था। जैसे ही गिरोह का भंडाफोड़ हुआ, आरोपियों ने एक क्लिक से डाटा डिलीट कर दिया। इसकी भी जांच की जा रही है।

इसे पहले मध्यप्रदेश के मंदसौर से ऐसा ही मामला आया था। मंदसौर में धर्मांतरण का ये खेल जेल में ही चल रहा था। जेल में बंद एक कैदी चार दीवारी के अंदर ही दूसरे कैदियों का ब्रेन वॉश करता था। परिजनों ने उसे भड़काऊ किताबें भी जेल में दे रखी थी, जिसके जरिए वह अपने मिशन को चला रहा था। ख़ास तो ये थी कि इस मामले में जेल के किसी स्टाफ को पता नहीं था।

 

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