मुलजिम पकड़ने के बजाय फरियादी के खाते में पुलिस ने डलवा दिए 381000 रूपये

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इंदौर: इंदौर में पुलिस का एक नया कारनामा सामने आया है। धोखाधड़ी के एक मामले में फरियादी को साथ लेकर अहमदाबाद गए सेंट्रल कोतवाली थाने के सब इंस्पेक्टर अमित श्रीवास्तव और सिपाही योगेंद्र ने वहां की पुलिस की मदद से आरोपी को धर दबोचा लेकिन बाद में सौदेबाजी कर आरोपी व उसके भाई को छोड़ दिया। फरियादी के नुकसान की भरपाई करवा दी और इंदौर आकर टीआई से कह दिया कि वहां तो मुलजिम मिला ही नहीं। इस मामले में पुलिस के आला अफसरों को भी शिकायत हुई है।

पल्सीकर कॉलोनी इंदौर निवासी नरेश ममतानी ने सेंट्रल कोतवाली थाने में अहमदाबाद निवासी पटेल बंधुओं मितेश और मिहिर के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट की थी। दोनों आरोपियों ने नरेश से एसी सेट सप्लाई करने के नाम पर 381000 बैंक में जमा करवाए थे। उन्होंने नरेश को एक वीडियो भेज कर बताया कि उन्होंने उक्त सामान ट्रक में लोड करवा दिया है। सामान नहीं मिलने पर नरेश ने जब पूछताछ की तो वे टालमटोल करने लगे और बाद में तो फोन उठाना बंद कर दिया।

परेशान नरेश ने अहमदाबाद जाकर जिस बैंक खाते में पैसा ऑनलाइन ट्रांसफर किया था वहां से दोनों आरोपियों का पता निकाला और इनके निवास पर पहुंचा तब दोनों भाई नहीं मिले। 16 जून को वह सेंट्रल कोतवाली थाने के थानेदार अमित श्रीवास्तव और सिपाही योगेंद्र को लेकर अहमदाबाद गया। अगले दिन सुबह इंदौर की पुलिस टीम ने अहमदाबाद के सोला पुलिस थाने पर आमद दी और वहां के अमले को साथ लेकर पटेल बंधुओं के निवास पर पहुंचे। ‌ दोनो भाई घर पर ही मिल गए । जब पुलिस मितेश को साथ लेकर आने लगी तो उसके भाई मैंने जो खुद भी आरोपी था ने टीम से सौदेबाजी शुरू कर दी। मिहिर और थानेदार श्रीवास्तव के बीच हुई बातचीत के बाद थानेदार ने फरियादी नरेश पर इस बात के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया कि वहां अपना पैसा ले ले और गिरफ्तारी पर जोर न दे।

पुलिस द्वारा दबाव बनाए जाने पर नरेश ने कहा कि उसने जो पैसा बैंक अकाउंट में डाला था के साथ ही उसके जो दो लाख रूपये खर्च हुए हैं वह उसे दिलवा दिया जाए उसे दिलवा दिए जाएं। इसके बाद फिर आरोपियों तथा थानेदार के बीच बातचीत हुई और 381000 रूपये नरेश के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए गए। इसमें से भी 35 हजार उससे थानेदार ने ले लिए। सूत्रों के मुताबिक इस मामले को सेटल कराने के एवज में दोनों आरोपियों से भी पुलिस टीम ने 50 हजार रूपये लिए।

सेंट्रल कोतवाली टीआई बीडी त्रिपाठी ने पूरे घटनाक्रम से अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि उन्हें फरियादी ने भी इसकी जानकारी नहीं दी। उनका कहना है कि जो पुलिस टीम अहमदाबाद गई थी उसके द्वारा उन्हें यह जानकारी दी गई थी काफी तलाशने पर भी दोनों आरोपी नहीं मिले।

 

 

 

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