बुलडोजर से ढहा दिए नेमावर हत्याकांड के आरोपियों के मकान और दुकान, नजारा देख लोगों ने कहा यही सलूक होना चाहिए

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 देवास जिले के नेमावर में 5 लोगों की जघन्य हत्या करने वाले मुख्य आरोपियों सुरेन्द्र राजपूत और वीरेन्द्र राजपूत सहित अन्य आरोपियों की संपत्ति को प्रशासन ने जमींदोज कर दिया है। शुक्रवार को हुई इस कार्रवाई के दौरान 3 जेसीबी की मदद से आरोपियों के मकान व दुकान को तोड़ दिया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात था। प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि आरोपियों की और भी अवैध संपत्तियां हैं जिनकी जानकारी निकाली जा रही है, उन संपत्तियों को भी जमींदोज कर दिया जाएगा।

शुक्रवार को नेमावर के वार्ड क्रमांक 10 रेत नाके के पास मेला रोड स्थित मुख्य आरोपी सुरेंद्र पिता लक्ष्मण चौहान और उसके भाई वीरेंद्र चौहान के मकान और दुकान को जमींदोज किया गया। वहीं नेमावर के वार्ड क्रमांक 14 खाईपार में स्थित दूसरे आरोपी विवेक पिता बबलू तिवारी के पुश्तैनी मकान, जो कि उसके दादा कमल किशोर तिवारी के नाम पर था, उसे भी जमींदोज कर दिया गया है। कार्रवाई के दौरान कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला, एसपी शिवदयाल सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सूर्यकांत शर्मा खातेगांव, एसडीएम त्रिलोकसिह गौड़, तहसीलदार जेएस पटेल, नायब तहसीलदार सुनील गुहा सहित बड़ी संख्या में पुलिस का अमला मौजूद था।

सीएम के निर्देश के बाद दिया अंजाम

नेमावर में पहली बार इस प्रकार की सख्त कार्रवाई से क्षेत्र के आपराधिक तत्वों में हड़कंप मचा हुआ है। गुरुवार शाम को प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने नेमावर की घटना पर दु:ख व्यक्त करते हुए कहा था आरोपियों को किसी भी प्रकार से बख्शा नहीं जाएगा। सीएम के निर्देश के बाद प्रशासन ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया।

पीड़ित परिवार को सहायता

पीड़ित परिवार को मप्र शासन की तरफ से 41 लाख 25 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार को न्याय के साथ ही हर संभव सहायता प्रदान करने की बात कही है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि इस केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाएगा।

इस तरह अंजाम दिया था हत्याकांड को

आरोपी सुरेंद्र राजपूत ने अपने भाई वीरेंद्र राजपूत, 2 नौकरों और 2 दोस्तों की मदद से 13 मई 2021 को नेमवार में आदिवासी परिवार के 5 सदस्यों ममताबाई कास्ते (45), रूपाली कास्ते (21), दिव्या कास्ते (14), पूजा (15) और पवन (14) की हत्या करके उनके शव अपने खेत में दफना दिए थे। लगभग डेढ़ महीने बाद 29 जून को पुलिस ने 10-12 फीट खुदाई करके पांचों के शव निकाले थे। हत्याकांड की मुख्य वजह आदिवासी परिवार की युवती रूपाली को आरोपी सुरेंद्र के शादी में रोड़ा बनना था। दोनों में लंबे समय से प्रेम संबंध थे लेकिन सुरेंद्र की कहीं और शादी तय हो गई थी। इस बात को लेकर रूपाली और विरेन्द्र में विवाद चल रहा था।

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