भोपाल: मध्यप्रदेश के भोपाल में 11 साल के बच्चे ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। पुलिस को फिलहाल उसके पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। बताया जा रहा है कि उसे फ्री फायर गेम खेलने की आदत थी। वह अपने दादा के फोन में गेम खेलता रहता था, जिसके कारण अक्सर उसे डांट भी पड़ती रहती थी। बच्चा प्राइवेट स्कूल में पांचवीं कक्षा में पढ़ता था। मामले सामने के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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घटना शंकराचार्य नगर की है। यहां रहने वाले योगेश ओझा के दो बच्चों में 11 साल का सूर्यांश था और एक तीन साल की छोटी बेटी है। बुधवार दोपहर सूर्यांश अपने चचेरे भाई के साथ मकान की दूसरी मंजिल पर टीवी देख रहा था। कुछ देर बाद उसका भाई वहां से चला गया। इसके बाद दोपहर करीब तीन बजे सूर्यांश की दादी ने ऊपर जाकर देखा, तो वह फंदे से लटका हुआ था।
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परिजन आनन-फानन में उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने बताया कि सूर्यांश को मुक्केबाजी का बहुत शौक था। इसके लिए उसके पिता ने उसे पंचिंग बैग लाकर दिया था। पहले उसने बैग छत की रैलिंग से बांधा था, लेकिन ऊंचाई कम होने से उसे पंच मारने में दिक्कत होती थी। ऐसे में उसने पंचिंग बैग बांधने के लिए छत पर लगे पाइप से रस्सी बांध रखी थी। उसी रस्सी से फंदा लगाकर सूर्यांश ने खुदकुशी कर ली।
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घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस को फिलहाल कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। प्रारंभिक पूछताछ में सुर्यांश के फ्री फायर गेम खेलने की आदत सामने आई है। सूर्यांश मौका मिलते ही मोबाइल में फ्री फायर गेम डाउनलोड कर लेता था और जब भी परिवार का कोई सदस्य देखता था तो वो गेम डिलीट कर देता था। पुलिस अंदाजा लगा रही है कि गेम की लत के कारण उसने इतना बड़ा कदम उठाया है।