ग्वालियर: 70 हजार से हुंडी दलाल कांड में एक और गिरफ्तारी हुई है। ग्वालियर क्राइम ब्रांच ने झांसी से दिलीप तलरेजा को पकड़ा है। दिलीप भोपाल के चूना भट्टी का रहने वाला है। दिलीप ने पुलिस को बताया कि वह हुंडी दलाल का पैसा इंदौर के क्रिकेट पर सट्टा कारोबार करने वालों के जरिए खपाता था। आशु गुप्ता को वह बड़ी फर्म समझता था। उसे यह नहीं पता था कि वह हुंडी का फर्जीवाड़ा कर-कर के पैसा दांव पर लगा रहा है।
वहीं आशु द्वारा ठगे गए कारोबारियों का भी पुलिस ने दिलीप सिंधी से आमना सामना करा लिया लेकिन आशीष जैन और आशु की तरह इस बार भी कारोबारी निराश लौट गए। 13 दिन से इस पूरे मामले में पहले धोखाधड़ी की एफआइआर और फिर आशु के क्रिकेट के सटटे का खेल उजागर होने तक में पुलिस के हाथ दो लाख रूपए की बरामदगी लगी है।
70 करोड़ रूपए की ठगी के इस मामले में पुलिस सूची तो करोड़ों रूपए की कारोबारियों के नाम पर बनाकर बैठी है लेकिन रिकवरी कोई नहीं है। पुलिस के सामने यह सवाल है कि यह करोड़ों का अपराध है जो कि आर्थिक श्रेणी का है तो इसमें न तो इनकम टैक्स को शामिल किया गया न ही सीजीएसटी या स्टेट जीएसटी से कारोबारियों के हिसाब किताब की जांच की जरूरत समझी है।
पुलिस ने इस मामले में शुरूआत में एक एक कारोबारी को बुलाकर उनसे पहले यह उगलवा लिया कि किसका कितना पैसा हुंडी ब्याज पर है। पुलिस पैसा दिलवा देगी इस भरोसे में कारोबारियों ने नंबर दो की पूरी रकम बता दी। पुलिस ने सब जान लिया तो पैसा कहां से आया यह मसला भी उठा। अब कारोबारी खुद भी असमंजस में हैं कि कैसे पैसा दर्शाएंगे। इतनी बड़ी रकम यानि सत्तर करोड़ पैसा कहां से आया इसकी जांच कराना पुलिस ने जरूरी नहीं समझा।