बुरहानपुर: मध्यप्रदेश के बुरहानपुर में एक छात्र ने छात्रावास में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। छात्र ने पढ़ाई के दबाव में आकर ये कदम उठाया है। उसने दो पेज का सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें उसने अपने पिता से माफ़ी मागते हुए लिखा है कि वह उनका सपना पूरा नहीं कर सका। उसने बीमारी का हवाला देते हुए लिखा कि वह जो भी याद करता है, सब भूल जाता है।
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दरअसल, रविंद्र सोलंकी है सातपायरी स्थित एकलव्य आदिवासी छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रहा था। वह 9वीं कक्षा का छात्र है। छात्र धुलकोट के ग्राम उताम्बी का रहने वाला था। सुबह बच्चों ने उसे फांसी पर झूलते देखा तो उसके परिजनों को इसकी जानकारी दी।
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सुसाइड नोट में छात्र ने बताया कि वो अपनी मर्जी से मर रहा है, इसमें किसी की कोई गलती नहीं हैं। उसने बताया कि उसे भूलने की बीमारी है। जिसकी वजह से वो अपने माता-पिता और उस पर विश्वास करने वालों का सपना पूरा नहीं कर सकता है। बीमारी का सबूत देते हुए उसने बताया कि पहले वाले स्कूल में पढ़ाई में हमेशा पहले आता था और इस स्कूल में आखिरी में आता हूं। मैं याद तो करता हूं, लेकिन उसे भूल जाता हूं।

सुसाइड नोट के दूसरे पेज पर छात्र ने लिखा, ‘मुझे माफ करना पापा, आपका सपना मैं पूरा नहीं कर सकता हूं। इसी वजह से मैं मर रहा हूं। मैं कुछ नहीं कर सकता तो मेरी जिंदगी किस काम की। लव यू पापा। आप जैसे पापा मुझे मिले, यही मेरी किस्मत थी। आपका बेटा हमेशा आपका सपना पूरा करने वाला चाहिए था। लव यू पापा।’




