भोपाल: मध्यप्रदेश के भोपाल से गिरफ्तार आतंकी संगठन जमात-ए-मुजाहिद्दीन-बांग्लादेश के चार आतंकियों ने ATS की पूछताछ में कई खुलासे किए हैं। ATS के मुताबिक़ इन आतंकियों ने निशाने पर मध्यप्रदेश था, जिसके लिए ये प्रदेश के युवाओं को टारगेट कर रहे थे। इनका मकसद प्रदेश में स्लीपर सेल नेटवर्क तैयार कर था, ताकि भविष्य में खून-खराबा फैलाया जा सके। इसके लिए ये आतंकी धर्म समुदाय के युवाओं को JMB में भर्ती करने के मिशन में जुटे हुए थे।
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ATS ने बताया कि अपना नेटवर्क तैयार करने के लिए चारों आतंकियों ने धर्म का सहारा लेकर मस्जिद-मदरसों में पैठ बना ली थी, जहां वे आलिम के बहाने युवाओं से संपर्क कर रहे थे। इसके अलावा ये आतंकी कॉलेज में पढ़ रहे युवक-युवतियों पर भी डोरे डाल रहे थे। ये युवाओं से संपर्क कर उनका ब्रेनवॉश कर उन्हें आतंकी संगठन में भर्ती करने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि वे अपने मंसूबे में कामयाब हो पाते, इससे पहले ही ATS ने उन्हें दबोच लिया।
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मध्यप्रदेश में जमात-ए-मुजाहिद्दीन-बांग्लादेश का नेटवर्क खड़ा करने के लिए बांग्लादेश से उनके आका सुनियोजित तरीके से इन्हें मदद पहुंचाते रहे। उनका मकसद स्थानीय युवाओं को संगठन में भर्ती कर उन्हें भारत की एकता और अखंडता के खिलाफ इस्तेमाल करना था।
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एमपी में आतंकी संगठन सिमी के सिमटते नेटवर्क के बीच JMB के आतंकियों ने अपने नेटवर्क के विस्तार की योजना बनाई। योजना के तहत ही चार बांग्लादेशी आतंकियों को भोपाल में भेजा गया। जांच एजेंसी को इनके पास से बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेज मिले हैं, जिनमें पहचान पत्र के अलावा, अन्य दस्तावेज शामिल हैं। करीब दो साल से ये आतंकी भोपाल में सक्रिय थे। ATS इनसे अन्य शहरों के बारे में भी जानकारी जुटा रही है।



