IPS पुरुषोत्तम शर्मा की सुप्रीम कोर्ट में बड़ी जीत, राज्य सरकार की कार्रवाई शून्य घोषित

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भोपाल: मध्यप्रदेश कैडर के आईपीएस अफसर पुरुषोत्तम शर्मा की सुप्रीम कोर्ट से बड़ी जीत हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने पुरुषोत्तम शर्मा के खिलाफ की गई राज्य सरकार की पूरी कार्रवाई को शून्य घोषित कर दिया है सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिना किसी साक्ष्य और लिखित शिकायत के सिर्फ एक वीडियो के आधार पर किसी अफसर को ढाई साल तक निलंबित रखना अवैध है। इससे पहले शर्मा को हाई कोर्ट से भी राहत मिल चुकी है।

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गौरतलब है कि पुरुषोत्तम शर्मा का अपनी पत्नी की पिटाई करते हुए एक वीडियो वायरल हुआ था। इस पर संज्ञान लेते हुए सरकार ने 27 सितंबर 2020 को उन्हें सस्पेंड कर दिया था। उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए मई 2022 में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण ने उन्हें बहाल करने का आदेश दिया था। कैट ने निर्धारित प्रावधानों का पालन किए बिना सरकार उनके निलंबन की अवधि बढ़ाती जा रही है, इसीलिए कैट ने उन्हें बहाल करने के आदेश दिए थे।

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कैट के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। अदालत ने इसे खारिज करते हुए पुरुषोत्तम शर्मा के पक्ष में फैसला सुनाया थ। इसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। वहां भी राज्य सरकार को जीत हासिल नहीं हुई। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कह दिया कि एक वीडियो के आधार पर किसी भी अधिकारी को ढाई साल सस्पेंड रखना अवैध है।

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