खंडवा। मप्र के खंडवा जिले के जावर थाना क्षेत्र के ग्राम पैठियां (मछौड़ी रैय्यत) में स्थित एक मदरसे से करीब 19 लाख 78 हजार रुपए के नकली नोट बरामद होने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। ये नोट मस्जिद के इमाम जुबेर पिता अशरफ अंसारी के कमरे से मिले हैं। मामला तब सामने आया जब मालेगांव पुलिस ने जुबेर को नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया, जिसके बाद स्थानीय पुलिस ने जांच शुरू की।
जानकारी के अनुसार, कुछ दिन पहले महाराष्ट्र के मालेगांव पुलिस ने नकली नोटों की तस्करी के आरोप में जुबेर और उसके साथी नजीम अकम अयूब अंसारी को गिरफ्तार किया था। दोनों के पास से 10 लाख रुपए के नकली नोट बरामद हुए थे। जब यह खबर मीडिया में आई, तो जावर क्षेत्र के एक व्यक्ति ने तस्वीर देखकर पहचान की कि गिरफ्तार जुबेर तो उनके गांव पैठियां की मस्जिद का इमाम है।सूचना मिलते ही जावर पुलिस गांव पहुंची। जांच में पुष्टि हुई कि मालेगांव में पकड़ा गया आरोपी वही है, जो तीन महीने से मस्जिद में इमाम के रूप में तैनात था।
कमरे से मिले बंडल, बैग में भरे थे नकली नोट
जावर पुलिस ने जब मदरसे में जुबेर के कमरे की तलाशी ली, तो एक बैग में नकली नोटों के कई बंडल बरामद हुए। पुलिस ने गिनती करने पर पाया कि इनमें करीब 19 लाख 78 हजार रुपए के फर्जी नोट हैं। नोट ज्यादातर 500 रुपए के मूल्य वर्ग के हैं, जो देखने में असली लगते हैं, लेकिन जांच में पूरी तरह नकली पाए गए।
बड़ा नेटवर्क होने की आशंका, बुरहानपुर से जुड़ा तार
पुलिस जांच में सामने आया है कि जुबेर मूल रूप से बुरहानपुर जिले के हरिपुरा का निवासी है और उसके साथ गिरफ्तार साथी नजीम अकम अयूब अंसारी भी वहीं का रहने वाला है। पुलिस को संदेह है कि यह मामला नकली नोटों की तस्करी के बड़े नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है, जो मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय है।
जावर थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी के मोबाइल और संपर्कों की जांच की जा रही है ताकि यह पता चल सके कि नकली नोटों की सप्लाई कहां से आ रही थी और इन्हें कहां भेजा जा रहा था। पैठियां मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष कलीम खान ने बताया कि जुबेर को तीन महीने पहले ही मस्जिद में इमाम के रूप में रखा गया था।वह पहले बेनपुरा डोंगरी की मस्जिद में नमाज पढ़ाता था, लेकिन वहां किसी और को रख लिया गया। तब हमने जुबेर को बुला लिया। वह बुरहानपुर का था, इसलिए ज्यादा जानकारी नहीं जुटाई गई। उन्होंने बताया कि जुबेर कई बार छुट्टी लेकर जाता था और 26 सितंबर को यह कहकर गया था कि उसकी मां बीमार है। उसके बाद से वह वापस नहीं लौटा।
मालेगांव पुलिस से साझा की जानकारी
पुलिस ने आरोपी के कमरे से बरामद नकली नोटों, दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त कर लिया है। जावर पुलिस ने मालेगांव पुलिस से संपर्क कर दोनों मामलों को जोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच के अनुसार, नकली नोटों का यह नेटवर्क राज्य की सीमाओं से परे एक संगठित गिरोह का हिस्सा हो सकता है।
डीएसपी अनिल सिंह चौहान ने बताया, हमने आरोपी के कमरे से बड़ी मात्रा में नकली नोट जब्त किए हैं। प्रारंभिक जांच से यह स्पष्ट है कि मामला सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि एक संगठित नेटवर्क का हिस्सा है। मालेगांव और बुरहानपुर पुलिस से समन्वय करके पूरे गिरोह का पर्दाफाश किया जाएगा।


