भोपाल: मध्यप्रदेश के भोपाल में क्राइम ब्रांच ने वर्दीवाले दो चोरो को गिरफ्तार किया है। शातिर चोर पुलिस की वर्दी पहन वारदात को अंजाम देते थे। आरोपियों के पास CISF के SI की वर्दी और नकली पिस्टल मिली है। आरोपियों ने 9 चोरियों का खुलासा किया है, साथ ही उनसे 10 लाख का चोरी का माल भी बरामद हुआ है। इनका एक साथी फरार है, जो चोरी का माल खपाता था।
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पुलिस ने बताया कि आरोपी कस्तूरबा अस्पताल के सामने BHEL क्वार्टरों के पास बने सूने मकानों पर पुलिस की वर्दी में ताक-झांक कर रहे थे। दोनों ने वर्दी ठीक से नहीं पहन रखी थी, इस पर पुलिस को उनपर शक हुआ। पुलिस ने उनसे आईडी कार्ड दिखाने के लिए कहा। पहले तो दोनों टालने लगे। सख्ती से पूछताछ की तो दोनों ने कबूल दिया कि वह यहां चोरी के इरादे से घूम रहे हैं।
आरोपियों ने 9 चोरियों का खुलासा किया है, साथ ही उनसे 10 लाख का चोरी का माल भी बरामद हुआ है। पूछताछ में इन्होंने अयोध्या नगर, ऐशबाग, गोविन्दपुरा, बागसेवनिया इलाकों में चोरी की वारदातें स्वीकार की हैं। मुख्य आरोपी चोरी का माल इंदौर में खपाता था।
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जांच में सामने आया है कि आरोपी पुलिस की वर्दी पहनकर बाइक से कॉलोनियों में सूने मकानों की रैकी करते थे। रात होते ही ऑटो लेकर घटना को अंजाम देते। पुलिस की वर्दी पहने होने की वजह से लोग इन पर संदेह नहीं करते थे। वर्दी पहनने की वजह आरोपियों ने यह बताई कि साधारण कपड़ों में रैकी में कई बार पुलिस की टोका-टाकी और पूछताछ का सामना करना पड़ता था। इसके अलावा चोरी में काम आने वाले हथियार साथ होने की वजह से लोग भी पूछताछ करते हैं।
आरोपियों ने बताया कि CISF की जिस वर्दी पहनकर वो वारदात कर रहे थे, वो भी चोरी की है। उसे उन्होंने भोपाल के गोविंदपुरा इलाके में रहने वाले CISF के दरोगा दयाशंकर भधकारे के घर में चोरी करते वक्त अन्य सामान के साथ चुराया था। उन्हीं की वर्दी पहनकर आरोपी रैकी करते थे। शाहरुख मंसूरी चोरी किए गए घरेलू सामान को इंदौर में ठिकाने लगाने का काम करता है। चोरी किए गए माल को वह मोहल्ले और कॉलोनी के फुटकर ग्राहकों को बेच देता है।


