‘हमारे गधे ढूंढ दो साहब, उन्हीं से चलती है हमारी रोजी–रोटी

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बुरहानपुर: ‘साहब, हमारे गधे चोरी हो रहे है और पुलिस कोई कार्रवाई नही कर रही है। गधे हमारे आजीविका का साधन है।’ गधे चोरी का ऐसा ही अजीबोगरीब मामला पुलिस की जनसुनवाई में सामने आया। मध्यप्रदेश के बुरहानपुर में पशुचिकित्सक अपनी शिकायत लेकर जनसुनवाई में पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि पुलिस में शिकायत के बाद भी न कोई एफआईआर हुई और ना ही उन्हें ढूंढने का प्रयास किया।

पशुचिकित्सकों ने एसपी को बताया कि एक हफ्ते में 25 से ज्यादा गधे चोरी हो गए है। इनकी कीमत 10 लाख रुपए है। उन्हीं की वजह से कई परिवारों की रोजी–रोटी चल रही है। पशुपालक गधे की पीठ पर रेत ढोने का काम करते है। इनसे ईंट भट्टों पर ईंट बनाई जाती है। ये गधे ही उनकी आजीविका का साधन है।

उन्होंने आगे बताया कि गधों से काम कराने के बाद रात 12 बजे उन्हे खुला छोड़ दिया जाता है। सुबह वापस उन्हे बांधकर काम पर लगा दिया जाता है लेकिन एक हफ्ते में एक–एक करके 25 गधे चोरी हो गए है। इसको लेकर पुलिस में शिकायत भी की लेकिन आवेदन लेकर रख लिया गया। उन्होंने गधों को ढूंढने और चोरों को पकड़ने की मांग की है।

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