हरदा. मध्यप्रदेश के हरदा मेें पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण हादसे में अबतक 11 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 150 से ज्यादा लोग घायल है। इस भयावह हादसे के बाद प्रदेश में सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। आमतौर पर हादसे के बाद बचाव कार्य के लिए एसडीआरएफ की टीम को भेजा जाता है लेकिन इस हादसे के लिए सरकार ने एनडीआरएफ और सेना की मदद ली है। बुधवार को एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू शुरू किया तो मलबे में से जले हुए शव निकल रहे हैं।
हादसे के बाद घायलों को हरदा के आसपास के जिलों में ही नहीं, बल्कि भोपाल-इंदौर भी भेजा गया है। घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए 11 जिलों की एंबुलेंस को लगाया गया है। वहीं, आग पर काबू पाने के लिए 25 फायर ब्रिगेड लगी हुई है। पांच प्लाटून के 200 से ज्यादा जवान बचाव कार्य में जुटे हैं।
मामले में तुरंत सक्रियता दिखाते हुए सभी जिलों के कलेक्टरों के साथ वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक कर पटाखा दुकानों की जांच कर रिपोर्ट मांगी है। इस पर सभी जिलों में पटाखा दुकानों, गोदामों और फैक्ट्रियों में प्रशासन के अमले ने चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान जहां भी सुरक्षा के तय मापदंडों में कमी पाई गई, उन दुकानों को तुरंत सील कर दिया गया।
हादसा इतना भयावह था कि आग लगने के बाद फैक्ट्री में एक घंटे तक धमाके होते रहे। सडक़ से गुजर रहे राहगीर वाहन सहित दूर जा गिरे। धमाकों के कारण कई दूर तक भूकंप जैसे झटके महसूस हुए और फैक्ट्री से 500 फीट दूर तक ईंट-पत्थर और पतरे उड़ गए। इनकी चपेट में आने से भी कई लोग घायल हुए है। अरसीसी के पिलर करीब 250 फीट दूर जाकर गिरे।