इंदौर: खाद्य विभाग और चाइल्ड लाइन में एक चॉकलेट फैक्ट्री पर छापा मारा है। फैक्ट्री में बच्चों से और मान्यता से काम लिया जा रहा था। सभी बच्चे इलेक्ट्रिक भट्टी के बीच पसीने में लथपथ होकर काम कर रहे थे। उनके लिए ना तो वहां पर वेंटिलेटर था, ना कूलर और ना कोई एसी। सभी बच्चों से 30 रुपए प्रति घंटे में काम करवाया जा रहा था। बच्चों के कारण उनके माता-पिता फैक्ट्री संचालक के बचाव में उतर आए हैं।
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पुलिस ने बताया कि फैक्ट्री में ब्रांडेड चॉकलेट की डुप्लीकेट भी पैक हो रही थी। सूचना मिली थी कि फैक्ट्री में मासूमों से दिनभर काम लिया जा रहा है। इस पर चाइल्डलाइन, श्रम विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ पुलिस की टीम ने दबिश दी। मौके पर 10 बच्चे काम करते हुए मिले। फैक्ट्री में भट्टी चलने के कारण काफी गर्मी थी और बच्चे पसीने में तर हो रहे थे।
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वहां हवा के लिए वेंटीलेटर पंखे कूलर की कोई व्यवस्था नहीं थी। पता चला है कि बच्चों को अलग-अलग शिफ्ट में बुलाया जाता था। बच्चों के माता-पिता का दावा है कि यह सभी स्कूल जाते हैं
व छुट्टियों के कारण बच्चे काम सीखने के लिए फैक्ट्री आ रहे हैं। पुलिसकर्मियों ने बताया कि फैक्ट्री संचालक को पता था कि बच्चों से काम लेना अपराध है इसलिए वह पूरे समय परिसर का शटर बंद करके रखता था।