व्यापारी को झूठे प्रकरण में फंसाने में बढ़ी महिला SI की मुश्किलें, कोर्ट ने शिकायत दर्ज कर शुरू की जांच

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इंदौर: इंदौर के राजवाड़ा के एक व्यापारी को झूठे रेप के आरोप में फंसाने के कारण महिला थाने के तत्कालीन महिला एसआई मनीषा दांगी की मुश्किलें बढ़ गई है। कोर्ट ने झूठी रिपोर्ट लिखाने वाली युवती के साथ एसआई मनीषा दांगी के विरुद्ध ब्लैकमेलिंग सहित अन्य धाराओं के परिवाद के तहत जांच की कार्रवाई शुरू करदी है और व्यापारी विनोद दिगवा के खिलाफ एफएसएल रिपोर्ट में दुष्कर्म के सबूत नही मिलने के बाद उसे कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया है।

दरअसल, 30 जून 2018 को व्यापारी विनोद को उसकी दोस्त द्वारा की गई कथित शिकायत का हवाला देकर 10 लाख रुपये में सेटलमेंट करने के लिए महिला थाने बुलाया गया था। इस बातचीत की व्यापारी के फोन में रिकॉर्डिंग भी थी। जब व्यापारी ने 10 लाख देने से इनकार कर दिया तो तत्कालीन एसआई मनीषा दांगी ने फरियादिया के साथ साठगांठ कर व्यापारी को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के झूठे प्रकरण में फंसा दिया, जिसके बाद व्यापारी ने उक्त सेटलमेंट की बातचीत की सीडी कोर्ट में पेश की थी जिसके आधार पर उसे जमानत मिली थी।

व्यापारी द्वारा इस बात की शिकायत डीआईजी को भी की सीडी समेत कई गई थी, जिसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मनीषा पाठक सोनी ने जांच की थी और पाया था कि एसआई ने समझौते के लिए दबाव बनाया था, जो कि पुलिस की कार्य परिधि में नही आता है। एफएसएल रिपोर्ट में भी दुष्कर्म के कोई साक्ष्य नही मिले। वहींबयानों में फरियादिया ने भी पुलिस के दबाव के कारण ही केस लगाने की बात कही।

सभी सबूतों और बयानों के बाद कोर्ट ने व्यापारी को 4 साल बाद दोषमुक्त किया। तो वहीं फरियादिया समेत एसआई मनीषा दांगी पर ब्लैकमेलिंग के तहत जांच की कार्रवाई शुरू की है।

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