जयपुर: राजस्थान पुलिस ने एक ऐसे चोर गिरोह को पकड़ा है, जो कॉर्पोरेट कंपनी के तरीके से वारदातों को अंजाम देता है। गैंग के सरगना ने अलग-अलग काम के लिए उसनें एक्सपर्ट बदमाशों को रखा था। सभी एक्सपर्ट बदमाशों का काम के हिसाब से अलग-अलग पैकेज भी रखा गया था। इतना ही नहीं, वारदात को अंजाम देने के बाद गैंग का सरगना इन्हें इंसेंटिव भी देता था। इस चोर गिरोह के गुर्ग वाहन चुराने से लेकर उसे ठिकाने लगाने, फिर उसके पार्टस काटकर बेचने और बचे हुए माल को डंप करने में एक्सपर्ट हैं।
हर बदमाश के पास अपना टास्क
जयपुर की शास्त्री नगर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए गैंग के 10 बदमाशों को गिरफ्तार किया है। पुलिस गिरफ्त में आए सभी बदमाशों के पास वाहन चोरी से लेकर, वाहन को काटने और बाजार में स्क्रेप के रूप में बेचने का काम था। गिरफ्तार बदमाशों के कब्जे से पुलिस ने बड़ी मात्रा में कबाड़ में तब्दील बाइक, स्कूटी, बैटरी, ई-रिक्शा सहित कबाड़ में तब्दील हो चुके वाहन बरामद किए हैं।
इस गैंग को इरफान और मोहम्मद मोहसीन ऑपरेट कर रहे थे। गिरफ्तार मोहम्मद हासिल कुरैशी, इमरान, भूरा, जीलु करैशी, रवि राठौड़ के पास दिन और रात में वाहनों की रैकी करने और मौका पाकर चुराने का काम था। गैंग का सरगना इरफान भी वारदात करने के लिए कई बार इन लड़कों के साथ जाया करता था।
वाहन चोरी करने के बाद उसे ठिकाने लगाने का काम मोहम्मद मोहसीन के पास था। मोहसीन चोरी की गई गाड़ी को अपने गुप्त ठिकानों पर ले जाता और वहां काटकर उसके पुर्जे अलग करता था। इसके बाद खुद के लोडिंग वाहन से अलग-अलग जगहों पर सप्लाई किया करता था।
इमरान उर्फ इम्मू का काम इरफान के साथ मिल कर कबाड़ हुए माल को कबाड़ी तक पहुंचाने का था। वहीं जगदीश कुमार उर्फ जग्गी और इमरान कुरैशी स्क्रैप माल को खरीदने और फिर उसे आगे सेल आउट करने का काम करते थे।
30 हजार रुपये की सैलरी पर रखे थे लड़के
पुलिस पूछताछ में आरोपी इरफ़ान ने बताया कि गैंग में लड़कों को सैलरी पर रखा गया था। वाहन चुराने के लिए लड़कों को हर दिन एक हजार रुपये रोज दिए जाते थे। इसके अलावा चोरी किए वाहन को बताई जगह पर पहुंचाने के लिए लड़के 1 से 2 हजार रुपये में काम करते थे। पैसों के लालच में लड़के इनकी गैंग के साथ जुड़ जाते थे और चोरी की वारदातों को अंजाम देते थे।
अबतक करोड़ों के वाहनों को बनाया कबाड़
आरोपी पुलिस या किसी झंझट से बचने के लिए वाहनों को सीधा सेल नहीं करते थे। चुराए गए वाहनों को मकान में ही काट कर कबाड़ में तब्दील कर दिया जाता था। इनके कब्जे से करीब 90 दोपहिया वाहनों के इंजिन मिले हैं। इसके अलावा सैकड़ों बैट्रियां और कबाड़ का सामान मिला है। पुलिस ने अनुमान लगाया है कि आरोपी अबतक करोड़ों के वाहन चुराकर कबाड़ में तब्दील कर चुके हैं। प्रारंभिक जांच में आरोपियों ने बताया कि उन्हें खुद मालूम नहीं अब तक कितने वाहनों को ठिकाने लगाया है।