इंदौर: चीन समर्थित माओवादियों के लिए इंदौर से फंडिंग होने की जानकारी मिली है। कलेक्टर मनीष सिंह को एक शिकायात्री पत्र सौंपा गया है, जिसमें कहा गया है कि इंदौर में रहकर रोजगार कर अपना गुजर बसर करने वाले नेपालियों से असामाजिक तत्व एक रुपया रोज के हिसाब से जबरन वसूली कर रहे है। इस शिकायत के बाद जिला प्रशासन जांच में जुट गया है। आशंका है कि ये नेटवर्क पूरे देश में फैला हो सकता है।
दरअसल, नेपाली संस्कृति परिषद ने कलेक्टर मनीष सिंह को एक शिकायत पत्र सौंपा है। इसमें कहा गया है कि कुछ असामाजिक तत्व माओवादियों की मदद के नाम पर नेपाली समाज के लोगों से एक रुपये रोज के हिसाब से वसूली कर रहे हैं। नेपालियों पर पैसे देने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। इंदौर में रहने के लिए उनसे जबरन उगाही की जा रही है।
परिषद ने आरोप लगाया कि इस पैसे का इस्तेमाल चीन समर्थित माओवादी संगठनों की मदद में किया जा रहा है। नेपाली समाज के लोगों ने सरकार से इन असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई की मांग की है। ऐसी शिकायत मिलने के बाद प्रशासन जांच में जित गया है।
कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि नेपाली संस्कृति परिषद के जागरूक नागरिकों ने शिकायत की है कि कुछ असामाजिक लोग उनसे एक रुपये रोज के हिसाब से पैसा वसूल रहे हैं। इस पैसे का उपयोग नेपाल में चल रही माओवादी गतिविधियों के लिए किया जा रहा है। वसूली करने वाले लोग भी नेपाली मूल के हैं।
मामले को गंभीरता से लेते हुए और देश विरोधी गतिविधियों को देखते हुए प्रशासन इसकी जानकारी निकालने में जुट गया है। जांच की जा रही है कितने नेपाली लोगों के पास भारत की नागरिकता है और कितने लोग अनाधिकृत रूप से रह रहे हैं। साथ ही जांच एजेंसियों भी ये पता लगाने में जुट गई है कि देश में और कहां-कहां इस तरह का नेटवर्क काम कर रहा है और वसूली की जा रही है।