प्यार में फंसाकर युवकों पर लगाती है रेप का झूठा आरोप, महिला पुलिसकर्मी के खिलाफ कोर्ट ने दिए जांच के आदेश

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नीमच: मध्यप्रदेश के नीमच में महिला पुलिसकर्मी के साथ हुए गैंगरेप के चर्चित मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने युवक के खिलाफ दुष्कर्म का झूठा मुकदमा दर्ज कराने के आरोप में महिला पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए है। महिला पुलिसकर्मी ने कोर्ट में बताया कि उसके साथ ऐसी कोई घटना नहीं हुआ है, जिसके बाद कोर्ट ने उसके खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए है। नीमच जिले में ऐसा दूसरा मामला है, जिसमें कोर्ट ने इस तरह का फैसला सुनाया है।

दरअसल, महिला पुलिसकर्मी मूलरूप से नीमच की रहने वाली है और इंदौर में आरक्षक के पद पर तैनात है। महिला पुलिसकर्मी ने 13 सितम्बर 2021 को नीमच के महिला थाने में दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। पुलिस को दिए अपने बयान में उसने बताया था कि फेसबुक पर उसकी दोस्ती मनासा के रहने वाले पवन लौहार से हुई थी। दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई। उसने पवन को अपने परिजनों से भी मिलवाया।

महिला पुलिसकर्मी ने आगे बताया कि, 9 जून 2021 को पवन के भाई धीरेन्द्र का जन्मदिन था, जिसके लिए वह उसे मनासा लेकर गया था। इस दौरान जब वह कमरे में थी, तभी पवन के भाई धीरेंद्र और चाचा विजय ने उसके साथ अश्लील हरकत की। फिर चाकू की नोंक पर उसके साथ दुष्कर्म किया। इस दौरान दोनों ने उसका वीडियो बना लिया और उसे वायरल कर बदनाम करने की धमकी दी।

जब उसने ये बात पवन को बताई तो उसने भी जान से मारने की धमकी दी। बाद में पवन ने भी उसके साथ दुष्कर्म किया और वीडियो बनाया। पवन ने वीडियो वायरल करने की धमकी देकर उससे पैसे और गहने ले लिए। महिला पुलिसकर्मी की शिकायत पर पुलिस ने पवन, उसके भाई धीरेंद्र, चाचा विजय, मां निर्मला और गोपाल के खिलाफ मामला फ्द्र्ज कर उन्हें जेल भेज दिया था।

अब कोर्ट में महिला पुलिसकर्मी ने बताया कि उसके साथ 9 जून को कोई घटना नहीं हुई थी। जन्मदिन मनाने के बाद पवन ने उसे घर छोड़ दिया था। उसने अपने एक मित्र के कहने पर महिला थाने में आवेदन दिया था। आवेदन में क्या लिखा था, इसकी भी जानकारी उसे नहीं थी। महिला पुलिसकर्मी के ब्यान के बाद कोर्ट ने आरोपियों को बरी कर दिया है और उसके खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए है।

 

 

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