इंदौर: इंदौर-देहात पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। ये गिरोह सराफा व्यापारियों को निशाना बनाता था, जो सोना लेकर जाते थे। दरअसल, बड़नगर के एक ज्वेलर ने अपना सोने से भरा बैग चोरी होने की शिकायत पुलिस में की थी। इस मामले में जब पुलिस ने जांच की तो इस गैंग का नाम सामने आया था। इसके बाद पुलिस ने गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
मंगलम ज्वेलर्स के मालिक मुदीप सुशील कुमार जैन ने पुलिस को बताया कि 19 फरवरी को वह बस से इंदौर आ रहे थे। उनके पास एक बैग था, जिसमें दो किलो सोना रखा हुआ था। सिमरोल थाना में ऋषि के ढाबे के पास जब बस रुकी तो उनका बैग गायब था। इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस में की। पुलिस में मामले की जांच के लिए टीम गठित की।
खंगाले 150 CCTV फुटेज
टीम ने आरोपियों को पकड़ने के लिए 150 सीसीटीवी कैमरे खंगाले, जिसमें पुलिस को बस के आगे-पीछे एक कार चलते हुए दिखाई दी। इसी के आधार पर पुलिस ने जांच की, तो पता चला कि इस वारदात को मनावर-धरमपुरी के सलाउद्दीन गिरोह ने अंजाम दिया है। इस मामले में पुलिस ने गिरोह के अकरम खान, आमीन खान और कमल सोलंकी को गिरफ्तार किया है। फिलहाल गिरोह का मुख्य सरगना फरार है। आरोपियों से पुलिस ने दो किलो सोना जब्त किया है।
कार से करते हैं व्यापारियों की रेकी
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि सलाउद्दीन गिरोह उत्तर प्रदेश, केरल सहित देशभर के कई राज्यों में ऐसी वारदातों को अंजाम देता है। गिरोह के सदस्य कार से जाकर व्यापारियों की जानकारी जुटते थे। इनके टार्गेट पर ऐसे व्यापारी रहते थे, जो बिना बिल के, दो नंबर का माल लेकर आते है। ऐसा इसलिए क्योंकि, उनका माल चोरी होने पर भी वह इसकी शिकायत पुलिस में नहीं करते है। आरोपियों ने बताया कि रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड के आसपास इन वारदातों को ज्यादा अंजाम दिया जाता है।
एक किलो से कम सोना नहीं चुराता
गिरोह के अधिकतर लोग करोड़पति हैं। इनके पास सौ-सौ बीघा जमीन है। चोरी-लूट के पैसों से गिरोह के सदस्य अपने परिवार के लोगों के नाम पर जमीन खरीद लेते थे। आरोपी ने बताया कि गिरोह एक किलो से कम सोना नहीं चुराता था। जांच में पुलिस को पता चला है कि ये गिरोह हर साल देशभर में वारदातों को अंजाम देकर एक क्विंटल सोना चुरा और लूट लिया करता है।
हेलिकॉप्टर से की थी हज यात्रा
गिरोह के सदस्यों ने 12 साल पहले हेलिकॉप्टर से हज यात्रा की थी। इसके बाद ये आईबी और पुलिस की नजर में आया था। पुलिस को पता चला है कि जब भी पुलिस को इस गिरोह की वारदात के बारे में पता चलता, तो ये लोग भागते नहीं है। सलाउद्दीन पुलिस के सामने मामल जब्त कर देता है।