समीर रॉय की पत्नी बोलीं, ‘मेरे सामने पति को मारा और बोले- जाओ उठा लो’

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देवास: मंगलवार रात हुए समीर रॉय हत्याकांड मामले में पुलिस ने चार आरोपितों को हिरासत में ले लिया है। साथ ही हत्या में इस्तेमाल स्कूटी और हथियार भी बरामद कर लिए है। बताया जा रहा है कि आरोपितों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। आरोपी मृतक समीर रॉय के परिचित बताए जा रहे है। उन्होंने समीर के घर जाकर उससे बात भी की थी। सीसीटीवी और अन्य सबूतों के आधार पर चारों आरोपित को पकड़ा है। पुलिस हर एंगल को पुख्ता करने में जुटी है।

वहीं, पुलिस जांच से संतुष्ट समीर की पत्नी और परिजन सिविल लाइन थाने पहुंचे। परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस सही रिपोर्ट नहीं लिख रही है। पुलिस पर राजनीतिक दबाव है। दरअसल, मंगलवार शाम करीब 4.30 बजे अज्ञात हमलावरों ने समीर रॉय की गोली मारकर हत्या कर दी थी। समीर पीयुष हत्याकांड में उज्जैन की भेरूगढ़ जेल में उम्र कैद की सजा काट रहा था। कोरोना काल के चलते पैरोल पर आया था। इस दौरान उसकी हत्या कर दी गई।

सिविल लाइन थाना टीआई संजयसिंह ने बताया कि समीर के परिजन ने कार्रवाई की मांग की है। मामले में निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी। उनके कुछ आरोप थे, लेकिन जब हमने उन्हें दस्तावेज दिखाए तो परिवार संतुष्ट हो गया। एफआईआर उनके बताए आधार पर चार लोगों के खिलाफ की गई है। प्रकरण में हर एंगल से जांच की जा रही है। मामले में चार आरोपितों को हिरासत में लिया है। हत्या के कारणों को लेकर पूछताछ जा रही है। जल्द पूरा पर्दाफाश किया जाएगा।

मृतक समीर रॉय की पत्नी निकिता रॉय ने कहा कि मैं पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ठ नहीं हूं। पुलिस हमारी सुन नहीं रही है। जो बता रहे हैं वह पुलिस नहीं लिख रही है। मैंने सब चीजें सामने देखी हैं। कल से बोल रही हूं, लेकिन ये लोग नहीं सुन रहे हैं। ये लंबे समय से चल रहा था। सबको पता है इसके पीछे कौन है… चिंटू रघुवंशी। हम आठ नौ साल से परेशान थे। उन्होंने मेरे सामने मेरे पति को मारा। आरोपित बोलकर गए हमारे चिंटू भैया का सपना पूरा हो गया। दो एक्टिवा पर लोग थे। दो आगे एक पीछे था। पूरी कॉलोनी वालों ने उन्हें भागते देखा।

मैंने खुद भी देखा है। जो पीछे वाला था उसने कहा कि जाओ उठा लो। यह सब बोलकर वो मेरे सामने भागे। मैं हमलावरों के नाम नहीं जानती, लेकिन चेहरा देखकर पहचान लूंगी। पुलिस ने कल खुद ही बयान लिखे। मां से साइन करवाई। मैं कल से बोलने की स्थिति में नहीं थी। मेरे बयान नहीं हुए थे। मैं आज कह रही हूं। मैं जो बोल रही हूं वह लिखें। एफआईआर में सही नाम लिखे। ये या तो पॉलिटिकल प्रेसर में है इसलिए नाम नहीं लिख रहे हैं।

 

 

 

 

 

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