… तो हम भी तालिबान बनाना जानते हैं, आदिवासी किसी से डरता नहीं, महापंचायत मैं दिखे तीखे तेवर

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... तो हम भी तालिबान बनाना जानते हैं, आदिवासी किसी से डरता नहीं, महापंचायत मैं दिखे तीखे तेवर
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नीमच। नीमच में आज हुई आदिवासी पंचायत में आदिवासी युवक युवतियों के तीखे तेवर देखने को मिले। इसका अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि हजारों आदिवासियों की भीड़ में एक वक्त आने अपनी बात रखते हुए मंच से ही यह चेतावनी दे डाली की हम भी तालिबान बनाना जानते हैं।

महापंचायत के लिए शनिवार रात

से ही मालवा निमाड़ के अलग-अलग क्षेत्रों के आदिवासी नीमच में एकत्र होने लगे थे इनमें ज्यादा संख्या युवाओं की थी। पिछले दिनों इसी जिले में सिंगोली के नजदीक एक आदिवासी कन्हैया लाल भील को जिस बर्बर तरीके से गाड़ी के पीछे बांधकर घसीटा गया था और बाद में की गई जमकर पिटाई से उसकी मौत हो गई थी को लेकर आदिवासी युवक युवती बहुत ज्यादा आक्रोशित है। उनका कहना था कि इस तरह की घटना कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी और इस तरह की गतिविधियों में लिप्त लोगों का सामना करने से भी हम पीछे नहीं हटे महापंचायत के मद्देनजर निंबार्क शहर में कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए थे

बीते दिनो हुए आदिवासी युवक की बर्बर हत्या के विरोध में आज आदिवासी एवं अनुसूचित जाति वर्ग द्वारा अब तक का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ। हत्याकांड के मामले में अब तक पुलिस-प्रशासन द्वारा की गई कारवाई से समुदाय संतुष्ट नहीं है।

विगत 26 सितम्बर को सिंगोली के समीप बाणदा आदिवासी युवक कन्हैयालाल उर्फ कन्हैया को चोरी की आशंका में भीड़ ने पहले जमकर पीटा फिर लोडिंग वाहन से बांधकर उसे घसीटा, युवक ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था। इस मामले में पुलिस ने 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया, उनके अवैध निर्माण भी ध्वस्त किये। बाद में भाजपा के आलावा कांग्रेस के नेताओं ने बाणदा पहुंचकर पीड़ित परिवार को सांत्वना दी। कांग्रेस नेताओं ने सरकार पर खूब हमले किये। इस बीच आदिवासी संगठन जयस ने इस मुद्दे पर बड़ा प्रदर्शन करने का ऐलान कर दिया। प्रशासन ने उन्हें अनुमति नहीं दी फिर भी रविवार को भारी संख्या में प्रदर्शनकारी नीमच में एकत्रित हो गये।

शनिवार रात से आदिवासी भील मुक्ति मोर्चा, जयस, अन्य आदिवासी संगठनों, भीम आर्मी सहित विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। प्रशासन ने उन्हे रोकने के लिये मोर्चाबंदी की लेकिन कामयाबी नहीं मिली। शहर से 4 किमी दूर नई कृषि उपज मंडी परिसर में एकत्रित प्रदर्शनकारियों ने जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। आदिवासी नेताओं और अनुसूचित वर्ग के नेताओं ने सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया। उन्होने कन्हैया की हत्या की विस्तृत जांच करने,  हत्याकांड में शामिल सभी दोषियों को फांसी देने, पीड़ित परिवार को 2 करोड़ रुपए मुआवजा, मृतक के परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी, मृतक के पुत्र की उच्च शिक्षा तक की निशुल्क व्यवस्था की मांगें रखी।

 

 

 

 

 

 

 

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