42 लाख रुपए के घोटाले में फरार महिला डिप्टी कलेक्टर विशा माधवानी की तलाश में पुलिस ने कई जगह छापे मारे

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बुरहानपुर जिले के बहुचर्चित बोरबन तालाब भूमि अधिग्रहण घोटाले में नेपानगर पुलिस तत्कालीन एसडीएम विशा माधवानी की तलाश तेज कर दी है। उनके वर्तमान पदस्थापना स्थल झाबुआ सहित कई स्थानों पर पुलिस टीम ने दबिश दी लेकिन विशा गिरफ्त में नहीं आ पाई। पुलिस ने उनके झाबुआ स्थित निवास पर भी छापा मारा था। सूत्रों के मुताबिक विशा को जल्दी ही हिरासत में ले लिया जाएगा। फरार डिप्टी कलेक्टर सहित अन्य आरोपियों पर प्रिवेंशन आफ करप्शन एक्ट की धारा भी लगाई जा रही है।

पांच करोड़ रूपए लागत से बने बोरबन तालाब के लिए भूमि अधिग्रहण में हुए 42 लाख रूपए के घोटाले में जाँच के बाद प्रकरण दर्ज कर चुकी पुलिस ने तत्कालीन एसडीएम विशा वाघवानी (वर्तमान में झाबुआ में पदस्थ) पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है।

इस मामले में मुख्य आरोपी इम्तियाज़,गार्ड, नेता, सोसायटी प्रबंधक सहित 9 लोगों पर प्रकरण दर्ज किया गया है। इसमें से पाँच आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है । दो आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस टीम भोपाल व खंडवा गई है। एक आरोपी फ़रार है। इस मामले में एसडीएम के साथ रहने वाले होम गार्ड जवान सचिन वर्मा, पीपरी निवासी नेता संजय मावसकर, तुकईथड सहकारी सोसायटी प्रबंधक अशोक नागपुरे, कैशियर अनिल पाटीदार, एसडीएम ऑफिस के सहायक ग्रेड 3 अंकित काटे, देजतलाई के जावेद अख़्तर और धारणी महाराष्ट्र के फ़िरोज़ खान की भूमिका भी सामने आई है। अनिल की गिरफ़्तारी के लिए पुलिस टीम खंडवा और अंकित की गिरफ़्तारी के लिए भोपाल टीम गई है। जावेद फ़रार है। सभी आरोपियों के ख़िलाफ़ धोखाधड़ी,कूट रचना, नक़ली दस्तावेज तैयार करने, नक़ली को असली बताने और ग़बन समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है।

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