लखनऊ: खाने में मिलावट, नकली दवाइयों के बारे में तो हम सुनते है लेकिन अब नकली और मिलावटी पेट्रोल को लेकर खबरें सुनने-देखने को मिल रही हैं। उत्तर प्रदेश के कई पेट्रोल पंपों पर मिलावटी पेट्रोल-डीजल बेचने का दावा किया जा रहा है। इसी बीच यूपी एसटीएफ ने ऐसे ही एक गिरोह का पर्दाफाश किया है और मिलावट करने वाले चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
इस गिरोह को लेकर जानकारी तो लगातार मिल रही थी, लेकिन हर बार वे बच निकलने में कामयाब रहते थे। ऐसे में इस बार एसटीएफ पर भी सख्त कार्रवाई का दवाब था। एसटीएफ को सूचना मिली थी कि मां विंध्यवासिनी ऑटो मोबाइल पेट्रोल पंप पर एक ऑयल टैंकर आने वाला है। अब इस बार क्योंकि पुलिस की टीम पहले से तैयार थी, ऐसे में उस टैंकर को पेट्रोप पंप पर आते ही घेर लिया गया और मौके से चार लोग गिरफ्तार हुए।
गिरफ्तार किए गए लोगों में मिलावटी पेट्रोल सप्लाई करने वाले गिरोह का मास्टमाइंड, टैंकर चालक, पेट्रोल पंप का मालिक और मैनेजर शामिल है। गैंग के सरगना राजकुमार जायसवाल ने पूछताछ के दौरान बताया कि पहले वो तेल टैंकरों के चालक के रूप में काम करता था। इस दौरान उसे मालूम हुआ कि ऐसे अवैध तेल सप्लाई के धंधे में काफी पैसा है। ऐसे में उसने खुद पेट्रोल पंपों पर नकली पेट्रोल, डीजल सप्लाई करना शुरू कर दिया।
सबसे पहले राजकुमार ने साल 2000 में जायसवाल इंटरप्राइजेज नाम से एक फर्म रजिस्टर कराई. लेकिन जब उसके कारनामों की जानकारी मिली तो कुछ ही दिनों बाद उसे जेल भेज दिया गया। जेल से छूटने के बाद उसने फिर इस धंधे को नए सिरे से आरंभ किया। इस बार उसने प्रयागराज और आस-पास के इलाकों में अपने धंधे को बढ़ाने की कोशिश की और वो लंबे समय तक मिलावटी पेट्रोल सप्लाई करने में सफल भी रहा। लेकिन फिर जब लगातार शिकायतें आने लगीं, तो कार्रवाई हुई और उसे उसके साथियों के साथ गिरफ्तार कर लिया गया।
इस गिरोह के लोग इतने शातिर और चालाक थे कि मनमाफिक तरीके से TAX INVOICE भी तैयार कर लेते थे। ऐसे में अगर कोई पुलिस का अधिकारी उन्हें रोकता तो वे नकली TAX INVOICE दिखा खुद को बचा लेते। कोशिश तो इस बार कुछ ऐसी ही रहती, लेकिन एसटीएफ को पहले ही सूचना मिल गई थी और उन्होंने रणनीति के तहत कार्रवाई की और इस गिरोह का भंडाफोड़ हो गया।