चंबल डीआईजी की अनूठी पहल,बढेगा सिपाहियों का रुतबा और जिम्मेदारी, बनाये जाएंगे बिट प्रभारी।

0
51

चंबल संभाग के पुलिस थानों में पदस्थ सिपाहियों का रुतबा और जिम्मेदारी दोनो बढ़ने वाले है।अब तक आपने देखा होगा कि सिपाही, एएसआइ, एसआइ या फिर थाना प्रभारी के निर्देशो पर ही चला करते थे और उनके अनुसार ही कार्य करते थे, लेकिन अब इनको ग्रामीण क्षेत्रों में बीट का प्रभार दिया जाएगा। यानी गांवो और शहरी क्षेत्र की कानून व्यवस्था का जिम्मा सिपाहियों के कंधों पर रखा जा रहा है। इस नए सिस्टम की शुरुआत चंबल रेंज में हो गयी हैं।

मध्यप्रदेश पुलिस के नियम अनुसार थानों में बनी बीटों की जिम्मेदारी अभी तक एसआइ,एएसआइ और हेड कास्टेबल के पास ही रहती आई है।अमूमन इनकी संख्या थानों में कम रहती है।क्षमता से अधिक बीटों का प्रभार रहने से एसआइ, एएसआइ व प्रधान आरक्षक अपनी बीटों में कानून व्यवस्था सही से नहीं चला पा रहे। इस समस्या को दूर करने के लिए चंबल रेंज के प्रभारी आइजी सचिन अतुलकर ने मप्र पुलिस की गाइडलाइन में बदलाव करते हुए चंबल रेंज के चारों जिलों में बीट का प्रभारी सिपाहियों को बनाया जा रहा है। इसके तहत थाना क्षेत्रों के गांवों के साथ यह कवायद शहरी क्षेत्र में भी होगी और शहर-कस्बों की अतिरिक्त बीटों का प्रभार सिपाहियों को दिया जाएगा।

कोई घटना हुई तो सीधे अधिकारी मांगेंगे सिपाहियों से जवाब ,सज़ा और इनाम भी दिये जायेंगे

बीट की जिम्मेदारी तेज तर्रार हवलदार या सिपाही को सौंपी जाएगी। बताया गया है कि जिनके पास यह जिम्मेदारी रहेगी, उन्हें अपने क्षेत्र के सभी लोगों के साथ अपराधिक प्रवृत्ति वाले, जिलाबदर का पूरा रिकॉर्ड रखना होगा। सूचीबद्ध अपराधियो के साथ जेल में रह रहे या जेल से छूटे सभी अपराधियो का पूरा रिकॉर्ड रखना होगा ।इसके साथ बीट में कितनी जनसंख्या है, कितना किस तरह का अपराध बीट में होता हैं। कितने अपराधी सक्रिय हैं ये सब रिकार्ड सिपाही को रखना होगा। इसके बाद भी यदि कोई घटना होती तो बीट की जिम्मेदारी संभालने वाले सिपाही से भी पुलिस के अफसर इसका जवाब मांगा जाएगा। यानी जिम्मेदारी बढ़ने के साथ ही सिपाहियों पर कार्रवाईयों की गाज गिरने की संभावनाएं भी पहले से ज्यादा बढ़ गई हैं।वही जिम्मेदारी को सही ढंग से निभाने पर सिपाहियों को इनाम से भी नवाजा जाएगा।

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here