‘पूरी रात उलटी करते रहे दीपिका और आदित्य, कंडक्टर न नहीं रोकी बस’, बूढ़ी मां की आपबीती

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उज्जैन: मंगलवार को एसी बस से सफ़र कर रहे मां-बेटे की मौत हो गई थी। उज्जैन के वेड नगर की रहने वाली दीपिका अपने बेटे और मां के साथ पुणे से उज्जैन लौट रही थी। अशोक ट्रेवल्स की बस में दम घुटने से दोनों की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि कंडक्टर ने ध्यान नहीं दिया, जिससे दोनों की मौत हुई है। दीपिका की बूढ़ी मां ने उस रात की पूरी आपबीती सुनाई है। उन्होंने कहा कि उस रात को वह कभी नहीं भूल पाएंगी, क्योंकि उनकी बेटी और नाती तड़प-तड़पकर मर गए।

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साथ खाया था खाना

दीपिका की मां ने बताया कि पुणे से हम तीनों अशोक ट्रेवल्स की बस ने उज्जैन आ रहे थे। पुणे से रवाना होने के कुछ देर बाद बस के अंदर से बदबू आने लगी। बेटी ने बस कंडक्टर को बुलाकर बताया कि शायद बस में लगे फायर एक्स्टिंग्विशर सिलेंडर से गैस रिस रही है। सिलेंडर को कहीं शिफ्ट कर दीजिए या ठीक कर दीजिए। कंडक्टर ने अनसुना कर दिया। रास्ते में खाने के लिए ढाबे पर बस रुकी तब हम तीनों ने साथ खाया, तब भी कंडक्टर ने ध्यान नहीं दिया। मजबूरन हमें मुंह पर कपड़ा लपेटकर बैठना पड़ा।

होने लगी उल्टियां

समय के साथ बदबू तेज होती गई। कई बार कंडक्टर को कहा लेकिन उसने गाली देकर भगा दिया। रात दो बजे अचानक दीपिका को उल्टियां होने लगी। कुछ समझ आता, तब तक आदित्य को भी उल्टियाँ होना शुरू हो गई। ये देख जब बस रोकने के लिए कहा गया तो कंडक्टर ने दुत्कार कर भगा दिया। आदित्य को उलटी के साथ लूज मोशन भी शुरू गए। इसके बाद बदबू के कारण दूसरे यात्रियों को भी उल्टियां शुरू हो गई। अबतक भी कंडक्टर ने कोई ध्यान नहीं दिया।

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आपके बच्चे ने गाड़ी गंदी की है, आकर धोओ

दूसरे दिन सुबह 7 बजे बस ड्राइवर ने खलघाट के नजदीक एक होटल पर गाड़ी रोकी। उल्टी के कारण आदित्य और दीपिका बेहाल थे। पूरी रात उल्टी और लूज मोशन से तड़पे नाती और बेटी को किसी तरह उतारा। इसी बीच बस कंडक्टर दुत्कारते हुए बोला- ‘ओ माई, आकर गाड़ी धोओ। आपके बच्चों ने गाड़ी गंदी की है।’ मैंने कहा- होटल का स्वीपर अगर मिल जाए, तो अच्छा है। जो रुपये लेंगे, मैं दे दूंगी। मेरी इस गुहार को भी दरकिनार कर दिया। कहा- यहां स्वीपर नहीं मिलेगा। गाड़ी आपको ही साफ करना पड़ेगी। बेटी और नाती की हालत देखकर बस की सीट और गैलरी की गंदगी को साफ किया।

12 बजे दीपिका और आदित्य ने तोड़ दिया दम

दीपिका की मां ने बताया कि सुबह 8 बजे आदित्य बेहोश होने लगा, तब भी कंडक्टर ने बस नही रुकवाई। इंदौर पहुंचने के बाद दोनों को अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने शुरुआती इलाज किया लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा। बाद में दोनों को सुयश हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, जहां आदित्य ने दम तोड़ दिया। दीपिका की गंभीर हालत देखते हुए उसे ICU में भर्ती किया लेकिन करीब 12 बजे उसकी भी मौत हो गई।

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